(और इनकी सुनिए…) ‘हम कश्मीर का सूत्र संसार के प्रत्येक मंच पर उपस्थित करते ही रहेंगे !’ – पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अन्वर अल हक काकर

पूरा संसार जानता है कि कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है । इसलिए पाक के इस सूत्र पर २-३ देश छोडकर कोई भी ध्यान नहीं देता !

पाकिस्तान को कश्मीर सूत्र रखने के स्थान पर उसे परेशान करनेवालेप्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए !

भारत कश्मीर का सूत्र और कितने दशकों तक मुद्दों के आधार पर हल करने का प्रयास करेगा ? इसके स्थान पर पाक व्याप्त कश्मीर पर आक्रमण कर इसे अपने अधिकार में लेने से सभी प्रश्न हल हो जाएंगे !

अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

संयुक्त राष्ट्रों में कश्मीर का प्रश्‍न उपस्थित करनेवाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भारत ने फटकारा !

पाकिस्तान विश्व में कहीं भी कश्मीर का ‍प्रश्न उपस्थित करे, उसको ऐसा ही प्रत्युत्तर मिलेगा, यह बात वह सदैव ध्यान में रखे !

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुन: टर्की ने कश्मीर का राग अलापा !

इसे कहते हैं कि कुत्ते की पूंछ सीधी करने के लिए चाहे कितना भी प्रयास करें, वह टेढी ही रहेगी ! भूकंप की कालावधि में भारत द्वारा टर्की की सहायता करने पर भी वह पाकिस्तान के ही लिए पागल है, यह स्पष्ट होता है !

(और इनकी सुनिए…) ‘कश्मीर के गैर-निवासियों को यहां रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी !’ – अल्ताफ बुखारी

क्या कश्मीर बुखारी की निजी संपत्ति है ? भारत के प्रत्येक नागरिक ने कश्मीर की रक्षा और विकास के लिए बलिदान दिया है ! ऐसे प्रकार वक्तव्य  देने वालों पर देशद्रोह का अभियोग कर कारागार में डाल देना चाहिए !

वर्ष २०२३ में पाकिस्तान के २ टुकडे होंगे !

यदि पाकिस्तान की परिस्थिति में सुधार न हुआ, तो सहस्रों निर्वासित पाकिस्तान छोडकर विश्व में कहीं भी जाएंगे । भारत पर भी उसका व्यापक प्रभाव होगा ।

कश्मीर प्रश्न पर पाकिस्तान द्वारा पुनः तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की मांग !

लगातार भारत विरोधी भूमिका लेनेवाले पाकिस्तान को सरकार ऐसी भाषा में सबक सिखाए जो उसकी समझ में आए !

(कहते हैं ) ‘वर्ष २०२१  में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाने वाले थे !’

भारत सरकार ने बार-बार पाकिस्तान के आतंकी मुख को विश्व के समक्ष उजागर किया है। ऐसे में यदि भारतीय जन साशंक हैं ! कि ‘क्या ऐसे समाचार प्रधानमंत्री मोदी की अपकीर्ती करने के लिए गढी जा रही हैं ?’ तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है ? भारत सरकार को इसे संज्ञान में लेकर इसका प्रत्युत्तर देना अति आवश्यक है !

ओसामा बिन लादेन की आदर-सत्कार करनेवाले हमें उपदेश न दें !

आतंकवाद के विरुद्ध पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है तथा ऐसे समय कुछ लोग अपराधी तथा आतंकवादी आक्रमणों का षड्यंत्र रचानेवाले लोगों को उचित सिद्ध कर रहे हैं । उनकी सुरक्षा के लिए वे अंतर्राष्ट्रीय व्यासपीठ का अनुचित प्रयोग कर रहे हैं ।