श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी द्वारा की गई भावपूर्ण पूजा के कारण श्री लक्ष्मीपूजन के घटकों में सकारात्मक ऊर्जा (चैतन्य) अत्यधिक बढ जाना 

दिवाली में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्त्व है । पुराणों में वर्णन है कि कार्तिक अमावस्या की रात को लक्ष्मीजी सर्वत्र भ्रमण करती हैं तथा अपने निवास के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने निकल पडती हैं ।

जैसे ईश्वर के अनेक गुण वर्णनातीत हैं, वैसे ही बिंदाजी में अनेक गुण वर्णनातीत हैं ! – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी इतनी अद्वितीय हैं कि उनके विषय में लिखते समय अन्य लेखों की भांति नहीं लिखा जा सकता । केवल इतना ही नहीं, अपितु उनमें इतने अद्वितीय गुण हैं कि वह शब्दों से परे होने के कारण भी उन्हें लिखा नहीं जा सकता ।

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी में देवत्व के सभी गुण हैं विद्यमान ! – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी

अध्यात्म में प्रगति करते समय किसी में देवत्व के एक-दो लक्षण दिखाई देते हैं; परंतु श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी में देवीतत्त्व के सभी गुण विद्यमान होने से ही महर्षि ने उन्हें देवीस्वरूप अवतार के रूप में सम्मानित किया है, इसमें कोई संदेह नहीं है । 

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक अलौकिक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी : श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के अध्यात्म के असामान्य अधिकार को बहुत पहले ही पहचान लेनेवाले महान गुरु सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी तथा उनकी बातें सत्य प्रमाणित करनेवालीं महान श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में संपन्न आनंददायक समारोह के समय भावसागर में ओतप्रोत साधिका के द्वारा अनुभव किए गए दिव्य क्षण !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी के ५५ वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में एक समारोह संपन्न हुआ । इस समारोह में उपस्थित श्रीमती अनुराधा निकम द्वारा अनुभव किए गए भावक्षण आगे दिए हैं –

साधना में विहंगम मार्ग से प्रगति करनेवाली एकमात्र श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी !

वर्ष २००८ से वर्ष २०२२ की अवधि में श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के छायााचित्रों में आए परिवर्तनों के द्वारा उजागर हुई उनकी दैवी यात्रा !

मन एवं बुद्धि से परे अर्थात सूक्ष्म को जानने की तीव्र क्षमता रखनेवाली श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी !

साधकों को श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी में विद्यमान दिव्यता की हुई प्रतीति !

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ईश्वर स्वरूप तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी परमेश्वर स्वरूप हैं’, साधिका को हुई इसकी प्रतीति !

‘एक बार मैं एक सूत्र के संदर्भ में बात करने के लिए श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के पास गई थी । हमारी बात समाप्त होने पर उन्होंने मुझसे कहा, ‘‘अब तुम चिंता न करो, अच्छी सेवा करो; परमेश्वर की आरती !’’ उस समय मुझे आश्चर्य होकर आनंद हुआ ।

सनातन संस्था की ओर से संपूर्ण देश में ७७ स्थानों पर हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ !

२१ जुलाई २०२४ को सनातन संस्था की ओर से संपूर्ण देश में ७७ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्‍सव’ मनाया गया । इसमें मराठी भाषा में ६४ स्थानों पर, हिन्दी भाषा में ८, तमिल भाषा में २, जबकि गुजराती एवं मलयालम भाषा में एक-एक स्थान पर गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का आयोजन किया गया । महोत्‍सव के आरंभ में श्री व्यासपूजन तथा सनातन संस्‍था के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया ।

सप्तर्षि की आज्ञा के अनुसार गोवा के सनातन संस्था के आश्रम में तथा कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में संपन्न हुआ ‘चामुंडा होम’ !

रामनाथी के सनातन संस्था के आश्रम में श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी तथा ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र में स्थित श्री कात्यायनी देवी के मंदिर में श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति में ‘चामुंडा होम’ संपन्न हुआ ।