सनातन की ग्रंथमाला : ‘आगामी आपातकाल की संजीवनी’
रक्तस्राव, घाव, अस्थिभंग आदि का प्राथमिक उपचार कैसे करें ये जानने हेतु अवश्य खरीदे ग्रंथ “प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण (३ भाग)”
सनातन की ग्रंथमाला : देवी-देवताओं की उपासना
भगवान शिवसम्बन्धी अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन , भगवान शिव : अध्यात्मशास्त्र (आरती एवं शिवचालीसा सहित)
सनातन की ग्रंथमाला
बाढ, विश्वयुद्ध आदि आपदाओं में डॉक्टर, औषधि आदि की अनुपलब्धता की स्थिति में तथा सामान्यत: भी उपयुक्त !
विवाह के अवसर पर अन्यों को सनातन के ग्रंथ और सात्त्विक उत्पाद उपहार में दें !
विवाह समारोह में एक-दूसरे को उपहार देने की प्रथा है । सनातन ने अध्यात्मशास्त्र, साधना, नीतिशास्त्र, बालसंस्कार, राष्ट्ररक्षा, धार्मिक जागरूकता आदि विषयों पर ग्रंथों का संग्रह प्रकाशित किया है । ये ग्रंथ और लघुग्रंथ भक्तों द्वारा देने पर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेंगी ।
सनातन की ग्रंथमाला : अलंकारशास्त्र
बिन्दी की अपेक्षा कुमकुम लगाना क्यों योग्य है, नथ सदैव मोती की ही क्यों होती है, कान में एक से अधिक कर्णाभूषण क्यों न पहनें इत्यादि की सूक्ष्म स्तरीय अध्यात्मशास्त्रीय कारणमीमांसा स्पष्ट करनेवाला ग्रन्थ !
सनातन की ग्रंथमाला : श्राद्ध (भाग १) महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन
श्राद्धकर्म विधि करने से होनेवाले लाभ जानने हेतु पढें सनातन का ग्रंथ !
सनातन का लघुग्रंथ : आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण
‘आध्यात्मिक कष्ट होना’ भले ही हमारे हाथ में न हो, तब भी ‘आध्यात्मिक उपचारों से कष्टों को नियंत्रण में रखना तथा धीरे-धीरे उन्हें मिटाना’ हमारे हाथ में होता है । ‘आध्यात्मिक उपचारों से हम कष्टों पर निश्चित ही विजय प्राप्त कर सकते हैं’, स्वयं में यह विश्वास उत्पन्न करना पडता है । प्रस्तुत लेखमाला में दिए गए अधिकतर दृष्टिकोण सभी के लिए उपयुक्त हैं ।
सनातन का नूतन ग्रंथ
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ज्ञान के मेरु पर्वत एवं गुणों के महासागर हैं ! उनका सहज आचरण भी साधना को विविधांगी दृष्टिकोण प्रदान करता है और उससे यह समझ में आता है कि ‘उचित एवं परिपूर्ण कृति कैसे करें ?’, वे सूक्ष्म आयाम से भी साधकों को सिखाते हैं ।