कार्यवाही के लिए हम कुछ समय देंगे, अन्यथा हम ही कदम उठाएंगे  !

 सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र एवं राज्य सरकार को फटकारा  !

हिन्दुओं के सभी मंदिर वापस प्राप्त करना, यह हमारी प्रतिज्ञा है ! – अधिवक्ता (पू.) हरि शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय तथा संरक्षक, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

महाराणा प्रताप, सिक्ख धर्मगुरु ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिए; परंतु पराजय स्वीकार नहीं किया । हमें उनसे अधिक संघर्ष कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी होगी । तभी उन धर्मयोद्धाओं को शांति मिलेगी ।

जम्मू-कश्मीर में आतंक की छाया में जीवनयापन करनेवाले लोग अब शांति से जी रहे हैं !

धारा ३७० हटाने के विषय मेें केंद्र सरकार का सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र !

मेरे लिए धारा ३७० अब केवल इतिहास ! – शाह फैसल, भारतीय प्रशासकीय सेवा अधिकारी (आइ.ए.एस.)

जम्मू-कश्मीर को विशेष योग्यता देनेवाली धारा ३७० हटाने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले भारतीय प्रशासकीय सेवा अधिकारी (आइ.ए.एस.) शाह फैसल ने याचिका वापस लेने की जानकारी पुनः एकबार दी है ।

हिन्दुद्वेषी सामाजिक कार्यकर्त्री तीस्ता सीतलवाड को बंदी बनाने से अंतरिम राहत

१ जुलाई की रात को देर से हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय के ३ न्यायमूर्ति के खंडपीठ ने हिन्दुद्वेषी सामाजिक कार्यकर्त्री तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम जमानत सम्मत की है ।

सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु १६ वर्ष होनी चाहिए !

यदि लडके-लडकियों को बचपन से ही साधना सिखाई जाए तो उनकी बुद्धि सात्विक हो जाएगी और वे अनुचित कार्य नहीं करेंगे ! शासन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए !

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को रंग के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा !

अमेरिका में वर्ण द्वेेष के प्रकरण सामने आ रहे हैं । यहां के विश्वविद्यालयों में भी वर्णद्वेषी मामले होते रहते हैं । अमेरिका को भारत सहित अन्य देशों के आंतरिक मामलों में नाक घुसेडने की अपेक्षा अपने देश की समस्या हल करने का प्रयास करना चाहिए ! इसी में इस देश का भला होगा !

सत्र एवं उच्च न्यायालय ने २७ वर्षों पूर्व हत्या के प्रकरण में उम्रकैद का दंड भुगत रहे आरोपी को सर्वोच्च न्यायालय ने ठहराया निर्दोष !

२७ वर्षों के उपरांत किसी प्रकरण में अंतिम निर्णय मिलता हो तो वह न्याय नहीं, अपितु उसे अन्याय ही कहेंगे !

बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बल की नियुक्ति योग्य ! – सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय 

पंचायत स्तर के चुनावों के लिए केंद्रीय बल को तैनात करना पडता है, यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी बिगड चुकी है । इसलिए केंद्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !

समलैंगिकता को मान्यता देने से भारत के अनेक कानूनों पर दुष्परिणाम होगा ! – अधिवक्ता मकरंद आडकर, अध्यक्ष, महाराष्ट्र शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्था, नवी देहली

देश में समलैंगिकता तथा समलैंगिक विवाहों को मान्यती दी गई, तो हिन्दू विवाह कानून का क्या होगा ? भरणभत्ता किसे दिया जाए ? महिलाओं को संरक्षण देनेवाले घरेलु अत्याचार प्रतिबंधक कानून का क्या होगा ? पत्नी पर अत्याचार हुआ, तो पत्नी के रूप में किसे न्याय मिलेगा ?