Minor Bail Denied For Obscene Video : अल्पवयस्क लड़की का अश्‍लील विडियो प्रसारित करनेवाले अल्पवयस्क लड़के को जमानत नहीं दी !

पीड़ित लड़की ने अपकीर्ति (बदनामी) के भय से आत्महत्या कर ली । यह घटना अक्टूबर २०२३ में हुई थी ।

SC On Hindu Marriage : यदि हिन्दू विवाह में आवश्यक रीति-रिवाज़ नहीं निभाये जाते तो वह विवाह स्वीकार नहीं किया जा सकता !

कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि ‘विवादों की स्थिति में ऐसे अनुष्ठानों को सबूत माना जाता है।

Patanjali Case : पतंजलि प्रकरण में अब सर्वोच्च न्यायालय में ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष द्वारा न्यायालय पर की हुई टिप्पणी पर सुनवाई होगी।

सर्वोच्च न्यायालय को इस अध्यक्ष को जाहेर में (खुलेआम) क्षमायाचना करने का आदेश देना होगा, ऐसा किसी को लगता है तो, इसमें आश्‍चर्य कैसा !

‘मस्जिद’ की चाबियां सरकार के पास ही रहेंगी ! – सर्वोच्च न्यायालय

हिन्दू जनजागृति समिति एवं पांडववाडा संघर्ष समिति समान हिन्दू दल ‘वक्फ मंडल’ की घुसपैठ से पांडववाडा को मुक्त करने के लिए संघर्ष कर रहे थे ।

Adv Ashwini Upadhyay Visit : हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आश्रम में चल रहा कार्य प्रेरणादायी ! – अधिवक्ता उपाध्याय

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्यायजी की रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम को सदिच्छा भेंट !

‘पतंजलि आयुर्वेद’ के कथित विज्ञापनों के प्रकरण में दिखाई दिया सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का हिन्दूद्वेष !

‘हम आपको मार डालेंगे’, ‘हम आप पर कुछ करोड रुपए का आर्थिक दंड लगाएंगे’, इस प्रकार की भाषा सडक पर चलनेवाले झगडों में सुनने को मिलती है; परंतु ऐसी भाषा का प्रयोग यदि न्यायालय में किया जाता है, तो क्या वह उचित है ?’ कुल मिलाकर भारत में जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होगी, उस समय न्यायाधीश रामशास्त्री प्रभुणे को अपेक्षित न्यायतंत्र बनाया जाएगा !’

NOTA : अन्य उम्मीदवारों की अपेक्षा ‘नोटा’ को अधिक मत मिलने पर क्या करेंगे ?

उच्चतम न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग को भेजा नोटिस !

SC On EVM : व्यवस्था पर अंधे होकर विश्वास दिखाना अयोग्य ! – उच्चतम न्यायालय

मतदान यंत्रों की १००% सत्यापन करने की मांग करने वाली सभी याचिका निरस्त !

Patanjali Case : विज्ञापन के आकार इतना क्षमापत्र छापा क्या ? – उच्चतम न्यायालय

कथित अयोग्य विज्ञापन प्रसारित करनेवाले ‘पतंजलि’ के विरोध में याचिका !

SC Permitted Abortion To Minor : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा १४ वर्ष की बलात्कार पीडिता को गर्भपात करने की अनुमति !

न्यायालय ने कहा कि चिकित्सा ब्योरे में स्पष्टरूप से कहा है कि गर्भपात लडकी के लिए संकटजनक हो सकता है; परंतु बच्चे को जन्म देना उसके लिए अधिक संकटजनक है । यह दुर्लभ घटना है, ऐसा न्यायालय ने कहा है ।