हिन्दुद्वेषी सामाजिक कार्यकर्त्री तीस्ता सीतलवाड को बंदी बनाने से अंतरिम राहत

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत (प्रतीभू) दी गई

तीस्ता सीतलवाड को बंदी बनाने से अंतरिम राहत

नई देहली – यहां १ जुलाई की रात को देर से हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय के ३ न्यायमूर्ति के खंडपीठ ने हिन्दुद्वेषी सामाजिक कार्यकर्त्री तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम जमानत सम्मत की है । यह जमानत एक सप्ताह के लिए है ।

कुछ दिन पूर्व ही गुजरात उच्च न्यायालय ने सीतलवाड की जमानत याचिका अस्वीकार करते हुए उन्हें पुलिस को तुऱंत आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था । इस आदेश को उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । तब सर्वोच्च न्यायालय ने दिए उपरोक्त निर्णय के कारण सीतलवाड को बंदी बनाने से अंतरिम राहत मिली है । उन पर वर्ष २००२ में हुए गुजरात दंगों में निर्दोष व्यक्तियों को झूठे अपराधों में फंसाने का आरोप है । इस प्रकरण में २५ जून २०२२ को उनको बंदी बनाया गया था तथा सितंबर २०२२ में उन्हें जमानत (प्रतीभू) दी थी ।