जम्मू-कश्मीर में आतंक की छाया में जीवनयापन करनेवाले लोग अब शांति से जी रहे हैं !

धारा ३७० हटाने के विषय मेें केंद्र सरकार का सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र !

नई देहली – जम्मू-कश्मीर में एक समय पर आतंक की छाया में जीनेवाले लोग अब शांति से जीवनयापन करने लगे हैं । धारा ३७० हटाने के कारण इस भाग के लोगों के जनजीवन पर अच्छा परिणाम दिखाई देने लगा है । ३ दशकों की उथल-पुथल के उपरांत अब राज्य में शांति, समृद्धि एवं स्थिरता दिखाई देने लगी है । इस निर्णय के कारण राज्य में हडताल, विद्यालय बंद रहना, पथराव इत्यादि अब भूतकाल हो गया है, ऐसी जानकारी केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र द्वारा दी । जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटाने के पश्चात उसके विरोध में याचिका प्रविष्ट की गई है । इस पर न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार ने प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत किया है ।

इस प्रतिज्ञापत्र में सरकार ने आगे कहा कि मई २०२३ में श्रीनगर में ‘जी-२० टूरिजम वर्किंग ग्रुप’की बैठक का आयोजन, यह घाटी के पर्यटन इतिहास में महत्त्वपूर्ण घटना थी; कारण धारा ३७० हटाने के पश्चात यहां आंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया था । अब वहां आतंकवाद का वातावरण नहीं रह गया है । कश्मीर में विद्यालय, महाविद्यालय, उद्योग आदि शांति से चल रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका 

ऐसा होते हुए भी अब तक कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं रह सकते, यही वास्तविकता है । इस ओर भी सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है !