अनुच्छेद ३७० रद्द करना उचित !
सर्वोच्च न्यायालय की ५ सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार के ५ अगस्त २०१९ को जम्मू-कश्मीर के लिए लागू अनुच्छेद ३७० को रद्द करने के निर्णय को उचित प्रमाणित किया है
सर्वोच्च न्यायालय की ५ सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार के ५ अगस्त २०१९ को जम्मू-कश्मीर के लिए लागू अनुच्छेद ३७० को रद्द करने के निर्णय को उचित प्रमाणित किया है
ध्यान दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख इस डर से अमेरिका से गुहार लगा रहे हैं, कि भारत ने अनुच्छेद ३७० निरस्त कर दिया है तथा अब वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लेगा ।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर बोलने का पाकिस्तान को मूलत: कोई भी अधिकार नहीं है ! पाकिस्तान के न्यायालयों द्वारा वहां के पीडित हिन्दुओं पर कितने अत्याचार हो रहे हैं ? यह बात पूरा विश्व जानता है !
अरुणाचल प्रदेश पर दावा करनेवाले चीन ने अब लद्दाख पर दावा करना, चीन की विस्तारवादी नीति को भारत की ओर से पीछले ७५ वर्षाें में ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर न दिए जाने का ही परिणाम कहना होगा !
उच्चतम न्यायालय द्वारा कश्मीर से धारा ३७० रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय को सही ठहराने के विषय पर पूछे गए प्रश्न में अब्दुल्ला ने उपर्युक्त उत्तर दिया ।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर पाकिस्तान का अनाधिकार तांडव !
सर्वोच्च न्यायालय का महत्त्वपूर्ण निर्णय !
लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा !
जम्मू-कश्मीर में ३० सितंबर २०२४ तक विधानसभा के चुनाव कराने का आदेश
भारत को अपने ही देश में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?, यह कहने का अधिकार इस संगठन को किसने दिया ? भारत के अंतर्गत प्रश्न में नाक न घुसेडें, ऐसी चेतावनी भारत को इस संगठन को देनी चाहिए !
ऐसा है, तब भी कश्मीर में जिहादी मानसिकता अभी तक समाप्त नहीं हुई है । इसलिए पलायन के लिए बाध्य किए गए हिन्दू अभी तक वहां लौट नहीं सकते, यह वास्तविकता है ।
फरवरी २०१९ में पुलवामा में हुए आतंकवादी आक्रमण के कारण जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटानी पडी, ऐसी भूमिका केंद्रसरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पष्ट की । धारा ३७० हटाने के विरोध में प्रविष्ट की गई याचिका की सुनवाई के समय केंद्रसरकार द्वारा यह युक्तिवाद किया गया ।