J&K Assembly Ruckus On Article 370 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा ३७० का फलक फहराने पर झडप
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के पश्चात भी वहां मुसलमानों द्वारा चुने गए विधायक देशद्रोही मानसिकता से कार्य कर रहे हैं, यह इस घटना से पता चला है ।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के पश्चात भी वहां मुसलमानों द्वारा चुने गए विधायक देशद्रोही मानसिकता से कार्य कर रहे हैं, यह इस घटना से पता चला है ।
यह ध्यान रखिए कि चाहे कितना भी प्रयास कर लिया जाए , धारा ३७० पुनः लागू नहीं होगा । भारतीयों को यह भी स्मरण रखना चाहिए कि जो लोग धारा ३७० लाने का प्रयास कर रहे हैं उनकी मानसिकता क्या है तथा उन्हें सत्ता में भेजने वाली कश्मीर की मुसलमान जनता की मानसिकता क्या है !
पाकिस्तान किसके साथ है ? एवं पाकिस्तान के साथ कौन है ? ये पाकिस्तान ने ही बताया ये अच्छा हुआ ! तो अभी भारतीयों को कांग्रेस का वास्तविक स्वरूप पता चल जाएगा !
इससे पहले रक्षा क्षेत्र के लिए हथियार खरीदते समय उसमें भ्रष्टाचार न हुआ हो, ऐसा कभी नहीं हुआ था । ‘बोफोर्स’ उसका एक बडा उदाहरण है । मोदी ने इस इतिहास को परिवर्तित कर दिया । फ्रांस से लडाकू विमान ‘राफेल’ की खरीद में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार अथवा दलाली की घटना नहीं हुई ।
बंगाल के समान पंजाब में भी राष्ट्रपति शासन क्यों लागू करना चाहिए, यही इन मामलों से ध्यान में आता है ।
सर्वोच्च न्यायालय की ५ सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार के ५ अगस्त २०१९ को जम्मू-कश्मीर के लिए लागू अनुच्छेद ३७० को रद्द करने के निर्णय को उचित प्रमाणित किया है
ध्यान दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख इस डर से अमेरिका से गुहार लगा रहे हैं, कि भारत ने अनुच्छेद ३७० निरस्त कर दिया है तथा अब वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लेगा ।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर बोलने का पाकिस्तान को मूलत: कोई भी अधिकार नहीं है ! पाकिस्तान के न्यायालयों द्वारा वहां के पीडित हिन्दुओं पर कितने अत्याचार हो रहे हैं ? यह बात पूरा विश्व जानता है !
अरुणाचल प्रदेश पर दावा करनेवाले चीन ने अब लद्दाख पर दावा करना, चीन की विस्तारवादी नीति को भारत की ओर से पीछले ७५ वर्षाें में ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर न दिए जाने का ही परिणाम कहना होगा !
उच्चतम न्यायालय द्वारा कश्मीर से धारा ३७० रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय को सही ठहराने के विषय पर पूछे गए प्रश्न में अब्दुल्ला ने उपर्युक्त उत्तर दिया ।