‘हेट स्पीच’ की लाठी धर्मांधों एवं जिहाद का आवाहन करनेवाले पुस्तकों पर कब चलेगी !

‘हेट स्पीच’ की (विद्वेषपूर्ण वक्तव्य देने की) लाठी हिन्दुओं पर चलाई जाती है । हिन्दुओं पर प्रतिबंध लगाकर उन पर अभियोग प्रविष्ट किए जाते हैं । ‘हेट स्पीच’ में फंसाकर हिन्दुओं का दमन किया जाता है । यदि ऐसा है, तो ‘धर्मांधों’ एवं जिहाद का आवाहन करनेवाली पुस्तकों पर कब कार्यवाही की जाएगी ?

धर्मनिरपेक्षता के चाहे कितने भी ढोल पीटे जाएं; परंतु भारत की आत्मा, जो सनातन धर्म वह कभी भी परिवर्तित नहीं होगी ! – अधिवक्ता (डॉ.) एस्.सी. उपाध्याय, सर्वोच्च न्यायालय

संविधान की मूल प्रति के पृष्ठों पर कहीं पर भी मोहम्मद पैगंबर एवं यीशू के चित्र नहीं थे; अपितु केवल श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बुद्ध के चित्र थे ।

देशद्रोह का कानून निरस्त नहीं किया जा सकता ! – विधि आयोग

इस विवरण में आगे कहा गया है कि धारा ‘१२४ अ’ का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, इसलिए उसमें सरकार को आवश्यक टिप्पणियां देनी चाहिए । तथापि वह निरस्त करने से देश की अखंडता एवं सुरक्षा पर परिणाम हो सकता है ।

मैं समलैंगिक विवाहों के १०० प्रतिशत विरोध में हूं ! – सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ

मैं समलैंगिक विवाहों के १०० प्रतिशत विरोध में हूं, ऐसा विधान सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ ने किया । यह समाचार ‘लाईव लॉ’ इस वृत्तजालस्थल ने दिया है ।

बलात्कार प्रकरण का ज्योतिषशास्त्र से कैसा संबंध ? – उच्चतम न्यायालय 

पीडिता ने कहा कि, युवक को मुझसे विवाह नहीं करना है इसलिए वह झूठ बोल रहा है । मुझे मंगल दोष नहीं है । इस पर उच्च न्यायालय ने उपर्युक्त आदेश दिया ।

पिछले एक सप्ताह में गैंगस्टरों एवं तस्करों ने ५० सहस्र करोड रुपए के २ सहस्र रुपए के नोटों में अदला-बदली की !

२ सहस्र रुपए के नोटों के संदर्भ में देहली उच्च न्यायालय के निर्णय पर दिए गए आवाहान की याचिका पर तत्काल सुनवाई देने से सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है ।

श्रीकृष्णजन्मभूमि का प्रकरण संवेदनशील ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को राष्ट्रीय महत्त्व है तथा वह संवेदनशील है । पूरे देश पर इसका परिणाम होगा ।

संसद की नई इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति के हस्तों करने की मांग करनेवाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकार !

ऐसी याचिकाओं पर ध्यान देना, यह सर्वोच्च न्यायालय का काम नहीं । इस याचिका का लाभ किसे होनेवाला है ?, ऐसा प्रश्न याचिकाकर्ता से पूछे जानेपर वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए ।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका !

२८ मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी के हाथों होने की अपेक्षा वह राष्ट्रपति के हाथों होना आवश्यक है, पूरे देश विपक्षी दलों ने ऐसी भूमिका अपना ली है ।

बंगाल में पुलिस तथा प्रशासन की ओर से चलचित्र प्रेक्षागृह-स्वामियों को चलचित्र न दिखाने की धमकी !

बंगाल में हिन्दू-घृणा तथा कट्टर मुसलमान तुष्टीकरणकर्ता तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही ! ऐसे दल को चुनने वाले बंगाल के हिन्दुओं को कट्टरपंथियों से बहुत बडे संकट का सामना करना पडे, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए !