कानपुर (उत्तर प्रदेश) में सरकारी कार्यालय की धारिकाएं (फाईल्स) स्वच्छता कर्मचारियों ने रद्दी में बेच दीं !
स्वच्छता कर्मचारियों के ऐसा करते समय वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षारक्षक क्या सो रहे थे ?
स्वच्छता कर्मचारियों के ऐसा करते समय वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षारक्षक क्या सो रहे थे ?
अत्याचारों से पीडित उन्हें अपनी जन्मभूमि, संबंधी तथा मित्र परिवार सब का त्याग कर भारत आने के लिए विवश होना पडा । लोग केवल भय के कारण अपनी मातृभूमि का त्याग कर रहे हैं ।
सनातन धर्म को नष्ट करने का ध्येय रखनेवाली तमिलनाडु की द्रमुक सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर जानबूझकर ऐसी कार्रवाई की जा रही है, तो उसमें आश्चर्य लगने जैसा कुछ नहीं है !
संबंधित लोगों ने अन्य धर्मावलंबियों के धार्मिक श्रद्धास्रोतों का अपमान करने का साहस नहीं किया; क्योंकि वे जानते हैं कि उसके परिणाम कितने भयंकर हो सकते हैं ।
हम अत्यंत लज्जा अनुभव करते हैं कि हमारे (पाकिस्तान के) परमाणु हथियार से संपन्न होने पर भी भारत ने हमें इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया; किंतु बांग्लादेश को आमंत्रित किया है ।
ऐसी कलाकृति शिवलिंग के आकार में होना भी चूक ही है; क्योंकि इससे हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं । इसके लिए उत्तरदायी लोगों के विरुद्ध सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए !
३ माह के उपरांत विधानसभा का सत्र बुलाया गया था । कांग्रेस के विधायक विधानसभा का सत्र ५ दिन चलाने की मांग कर रहे थे ।
ध्यान में आता है कि संवेदनशील विषयों पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश देने पर भी राज्यों द्वारा यदि उनका पालन नहीं होता है, तो प्रशासन जनता के परिवादों पर कितना न्याय देता होगा ? इस संदर्भ में न्यायालय को राज्यों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जनता की यही अपेक्षा है !
कंगाल पाकिस्तान की स्थिति धीमे धीमे ऐसी ही होती रहेगी । वह दिन अब दूर नहीं, जब उसको दिवालिया घोषित किया जाएगा !
आजाद मैदान में दंगा करने वाले ११ वर्षों के उपरांत भी खुले घूम रहे हैं, यह पुलिस, प्रशासन और सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए लज्जास्पद !