बिहार सरकार की ओर से रमजान के अवसर पर मुसलमान कर्मचारियों को विशेष छूट !

धर्म के आधार पर सरकारी कर्मचारियों को छूट देना, यह धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था में बैठता है क्या ? धर्मनिरपेक्षता वाले अब चुप क्यों, या उन्होंने भी सरकार के इस निर्णय को स्वीकार किया है ?

संस्कृत को राजभाषा घोषित करें ! – भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश ( चीफ जस्टिस ) शरद बोबडे

संस्कृत ईश्‍वर निर्मित भाषा है तथा उसे ‘देवभाषा’ कहा जाता है । सनातन हिन्दू लाखों वर्षों से इस भाषा का प्रयोग करते आ रहे हैं । एक भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश ( चीफ जस्टिस ) की इस मांग पर केंद्र सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए, संस्कृत प्रेमियों को ऐसा ही प्रतीत होता है !

धर्म के आधार पर मुसलमान एवं ईसाईयों को निधि का वितरण करना, यह कौनसी धर्मनिरपेक्षता ? – एम. नागेश्वर राव, भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक, सीबीआई

‘‘धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों पर इतनी बडी मात्रा में निधि व्यय करना, इसमें कौनसी धर्मनिरपेक्षता है ? संविधान यदि धर्मनिरपेक्ष है, तो सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए’’, ऐसा प्रतिपादन सीबीआई के भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक श्री. एम. नागेश्वर राव ने किया ।

भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है ! – अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, ऑल इंडिया लीगल एड फोरम, बंगाल

भारत के अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक और मुसलमानों को बहुसंख्यक बनाकर आनेवाले समय में भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है । केंद्र सरकार संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ (सेक्यूलर) शब्द हटाए ।

आपातकाल में देवता की कृपा कैसे प्राप्त करनी चाहिए ?

हमें अपने रसोईघर को ‘अन्नपूर्णा कक्ष’ बना देना चाहिए । रसोईघर में अन्न का अभाव पड सकता है । अन्नपूर्णा कक्ष में संपूर्ण ब्रह्मांड का पोषण करनेवाली माता अन्नपूर्णा विराजमान होती है । उसके कारण वहां कभी भी किसी बात का अभाव नहीं होता ।

वामपंथियों की शिक्षापद्धति के कारण आज की पीढी मुगलों को ही उनका आदर्श मानती है ! – जगजीतन पांडेय, महामंत्री, अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल मत नहीं, अपितु व्रत बनना चाहिए । राष्ट्र और धर्म पर मंडरा रहे संकट के समय धर्म के पक्ष में रहना, हम सभी का दायित्व है । वर्ष २०२५ के पश्चात सत्त्वगुणी हिन्दुओं द्वारा भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।

हिन्दू युवक से विवाह करने पर, युवक को मुसलमान युवती के परिवार ने पीटा !

सामान्यतः मुसलमान युवक जब हिन्दू महिलाओं से विवाह करते हैं तथा हिन्दू उसका विरोध करते हैं, तब मुसलमानों का तुष्टीकरण करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब क्यों नहीं बोलते ?

असंस्कृतों का संस्कृतद्वेष

भाजपाशासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के रामनगर जिले के मगडी में संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए १०० एकड भूमि देने का निर्णय लिया । अपेक्षा के अनुरूप उसी क्षण से इस निर्णय का संस्कृतद्वेषियों द्वारा कडा विरोध आरंभ हो गया है ।

हिन्दुओं की दयनीय स्थिति : कारणमीमांसा एवं समाधान योजना

हिन्दुओं की दुर्दशा का प्रमुख कारण यह है कि वे अनेक शताब्दियों से शुद्ध राष्ट्रवादी, दूरदर्शी, झुझारू एवं प्रभावी नेतृत्व के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं । परिणामस्वरूप आज मुख्य प्रवाह राजकीय लोकतंत्र, व्यवस्था एवं झूठी धर्मनिरपेक्षता के बंधन में विवश होकर कुंठित हो गई है ।