दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘हिन्दू संगठनों का कार्यपरिचय और अनुभवकथन’ इस विषय पर उद्धबोधन सत्र
रामनाथी (गोवा), १५ जून (संवाददाता) : भारत के अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक और मुसलमानों को बहुसंख्यक बनाकर आनेवाले समय में भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है । केंद्र सरकार संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ (सेक्यूलर) शब्द हटाए । भारत के पहले प्रधानमंत्री पंतप्रधान जवाहरलाल नेहरू ने जो बडी चूकें की हैं, उन्हें सुधारा जाए, ऐसा प्रस्ताव ‘ऑल इंडिया लीगल एड फोरम’ (अखिल भारतीय कानूनी सहायता मंच) तथा ‘अखिल भारतीय बार एसोसिएशन’ के महासचिव अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी ने यहां रखा । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से रामनाथी, गोवा में आयोजित दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘ऑल इंडिया लीगल एड फोरम’ द्वारा किए गए राष्ट्रहित के कार्य’, इस विषय पर वे ऐसा बोल रहे थे ।
बंगाल और असम के हिन्दुओं की स्थिति दयनीय !अधिवक्ता मुखर्जी ने आगे कहा कि, १. बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ किए गए मुसलमानों ने बंगाल के अनेक जिलों में और दक्षिण असम में अपना वर्चस्व स्थापित किया है । इन जिलों में मुसलमान प्रत्याशी को ही खडा करने की मांग की जाती है । २. बंगाल के अनुमानित ८०० गावों में, तो असम के ४०० गावों में एक भी हिन्दू नहीं बचा है । ३. बंगाल और असम की सीमा पर मुसलमान दलालों द्वारा बडे स्तर पर गोतस्करी चल रही है और उससे मिलनेवाला पैसा आतंकियों को दिया जा रहा है । बांग्लादेश के हिन्दुओं की दयनीय स्थिति !अधिवक्ता मुखर्जी ने कहा कि बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजिबूर रेहमान के कार्यकाल में अनेक मंदिरों का विध्वंस किया गया । आज भी यांच्या कारकीर्दीत अनेक मंदिरांचा विध्वंस करण्यात आला होता. आजही बांग्लादेश में हिन्दुओं के मंदिर गिराए जा रहे हैं, साथ ही मंदिर की भूमि पर मुसलमानों द्वारा अतिक्रमण किए जा रहे हैं । |
संविधान में हिन्दू समाज को विभाजित करने का प्रावधान ! – अशोक कुमार पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सनातन एकता मिशन, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
संविधान में हिन्दू समाज को विभाजित करने का प्रावधान किया गया, ऐसा प्रतिपादन प्रयागराज के ‘सनातन एकता मिशन’के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अशोक कुमार पाठक ने किया । श्री. अशोक कुमार पाठक ‘सनातन एकता मिशन’ के माध्यम से किए जा रहे राष्ट्र और धर्म के कार्य के विषय में अनुभवकथन करते हुए ऐसा बोल रहे थे ।
श्री. पाठक ने आगे कहा,
१. भारतीय ग्रंथों में कहीं पर भी ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘दलित’ ये शब्द दिखाई नहीं देते । समाज को तोडने के लिए ही ये शब्द प्रयोग में लाए गए ।
२. हमारा वैदिक साहित्य परिपूर्ण है । ज्ञान, काम और पुत्र के माध्यम से हमें अपनी संस्कृति का जतन करना चाहिए ।
३. हमें अपने बच्चों को संस्कारक्षम बनाना चाहिए ।
४. सनातन धर्म पेट पालनेवाली शिक्षा नहीं देता, अपितु मोक्षप्राप्ति का मार्ग दिखाता है ।
सफलता प्राप्त करने के लिए शौर्य और संगठन आवश्यक ! – श्री. अतुल जेसवानी, संस्थापक, हिन्दू सेवा परिषद, जबलपुर, मध्यप्रदेश
सफलता प्राप्त करने के लिए शौर्य और संगठन आवश्यक है । संगठन को शक्तिशाली बनाना चाहिए और उस माध्यम से शक्तिप्रदर्शन करना चाहिए । हमारा शौर्य बढाना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन जबलपुर, मध्यप्रदेश के ‘हिन्दू सेवा परिषद’ के संस्थापक श्री. अतुल जेसवानी ने किया । ‘हिन्दू समाज में जागृति की दृष्टि से किए गए नवीनतापूर्ण प्रयास’, इस विषय पर अधिवेशन को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
हिन्दू जनजागृति समिति हमारा मातृसंगठन है ! – श्री. अतुल जेसवानी
हमें दबाया गया है । प्रतिशोध से ही विजय प्राप्त की जा सकती है । हमें हिन्दुओं की रक्षा के लिए तन-मन-धन से लडना चाहिए । हिन्दू जनजागृति समिति हमारा मातृसंगठन है । इस संगठन ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए ‘शौर्य जागरण अभियान’ आरंभ चलाया गया है ।
सत्य की ही सदैव जीत होती है; इस लिए सत्य को अपनाईए ! – श्री. सत्यमेव जयते लोकमंगल, संस्थापक, सत्यमेव जयते, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश
सत्य की ही सदैव जीत होती है; इसलिए हमें सदैव सत्य को ही अपनाना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन गोरखपुर, उत्तरप्रदेश के ‘सत्यमेव जयते’ इस संगठन के संस्थापक श्री. सत्यमेव जयते लोकमंगल (डॉ. श्यामधर तिवारी) ने किया । अधिवेशन में ‘सरकारी क्षेत्र में भ्रष्टाचार निर्मूलन के लिए किए गए प्रयास और सुराज्य निर्माण के लिए कैसे प्रयास करने चाहिएं ?’, इस विषय पर वे ऐसा बोल रहे थे ।
सत्य के मार्ग पर चलनेवाले लोग संगठित नहीं होते !
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी नौकरी में प्रामाणिकता का परीक्षण होता है । भ्रष्टाचारियों ने इस देश को गुलाम बनाया है । भारतीय लोग अब भ्रष्टाचार के अभ्यस्थ बन चुके हैं । यह एक मानसिक रोग है । भ्रष्टाचार मत करें, सदाचारी बनिए ! रिश्वत लेनेवाले और रिश्वत लेनेवाले इन दोनों को भी दंड मिलना चाहिए । सत्य के मार्ग पर चलनेवाले लोग संगठित नहीं होते । उसके लिए प्रयास करने पडेंगे ।
‘वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ के लिए प्रयासों की पराकाष्ठा करेंगे !
श्री. सत्यमेव जयते लोकमंगल ने आगे कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ (संपूर्ण पृथ्वी ही एक परिवार है ।) हमारे संतों की सीख है । हमें संपूर्ण पृथ्वी पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है । उसके लिए गुरुकुल शिक्षापद्धति अपनानी पडेगी । हम उसके लिए प्रयासों की पराकाष्ठा करेंगे, जिसमें हमें निश्चितरूप से सफलता मिलेगी ।
सनातन धर्म अनादि अनंत आहे ! – श्री. आदित्य सत्संगी, उद्योगपति तथा साइंटोलॉजिस्ट, कैलिफोर्निया, अमेरिका
‘साइंटोलॉजी’ यह प्रमुखता से अमेरिका का एक पंथ है, जो पुनर्जन्म पर विश्वास करता है । उसके अनुसार आत्मा शरीर में वास करता है । इसमें आत्मा की खोज करने के लिए शास्त्रीय भाषा में अध्ययन किया जाता है ।
अमेरिका के उद्योगपपति तथा ‘साईंटोलॉजिस्ट’ श्री. आदित्य सत्संगी ने इस अधिवेशन में ‘पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों का हिन्दूद्वेष’ इस विषय पर बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म कभी नष्ट नहीं होता । वह अनादि-अनंत है ।
आत्मा और परमात्मा के आधार पर जो चलता है, वही सनातन धर्म है !
श्री. सत्संगी ने आगे कहा कि हम जब शास्त्र त्याग देते हैं, तब हमें निराशा आती है । जिन्होंने शास्त्रों का अध्ययन नहीं किया है, उनसे सिखने की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए । मंत्रजाप करने से ऊर्जा मिलती है । हमें शास्त्रों के आधार से ही कार्य करना चाहिए । जो आत्मा और परमात्मा के आधार पर चलता है, वह सनातन धर्म है ।