हिन्दू राष्ट्र नहीं, अपितु रामराज चाहिए !

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्‍वरानंदजी का वक्तव्य !

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्‍वरानंदजी

इंदौर (मध्य प्रदेश) – ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्‍वरानंद सरस्वतीजी ने छिंदवाडा में वक्तव्य दिया है, ‘‘हिन्दू राष्ट्र से अपना भला नहीं होगा, हमें रामराज ही जाहिए ।’’ वे सं‍वाददाताओं से ऐसा बोल रहे थे ।

(सौजन्य: News Nation)

धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के विषय में असंतोष ही हिन्दू राष्ट्र की मांग का कारण !

शंकराचार्यजी ने आगे कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के विषय में लोगों में पनप रहा असंतोष ही हिन्दू राष्ट्र की मांग का प्रमुख कारण हो सकता है; परंतु यदि हिन्दू राष्ट्र का निर्माण हुआ तो अन्य धर्म के लोगों में पराएपन की भावना निर्माण होगी । अडचन ऐसी है कि वर्तमान में ध्रुवीकरण की राजनीति अपनाई जा रही है । लोगों के मध्य एक रेखा खींची जाती है । क्या हम उस रेखा के अंदर हैं, अथवा नहीं ?, यह देखा जाता है । जो कोई भीतर है, वह बुरा होते हुए भी अच्छा है एवं उसके (रेखा के) बाहर के लोग अच्छे होते हुए भी बुरे होते हैं । यह नीति हमारे द्वारा ही बनाई गई है । वास्तविक राजनीति शब्द बहुत उच्च है । वह धर्म के बराबर है । ‘राजनीति अर्थात राजा द्वारा पालन की गई नीति’ । रामायण एवं महाभारत में राजनीति शब्द का प्रयोग किया गया था । आजकल ‘वह’ राजनीति नहीं रह गई है ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दू राष्ट्र के द्वारा रामराज का ही निर्माण किया जाएगा, इसलिए सर्वप्रथम हिन्दू राष्ट्र लाना आवश्यक है !