SC On UP Madarsa ACT : ‘उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा मंडल कानून’ निरस्त करने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार किया 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानून निरस्त करने हेतु दी थी मान्यता !

SC On Preamble Amendment Plea : क्या आपको नहीं लगता कि भारत को धर्मनिरपेक्ष रहना चाहिए ?

भारत में ‘धर्मनिरपेक्षता’ का क्या अर्थ है? इसकी स्पष्ट परिभाषा न होने के कारण ‘धर्मनिरपेक्षता’ का अर्थ हिंदुओं को दबाना और मुसलमानों का तुष्टिकरण करना, ऐसा सुविधाजनक अर्थ राजनीतिक दलों द्वारा निकाला गया है और इसे देश में स्थापित किया गया है।

बरेली (उत्तर प्रदेश) में हिन्दूबहुतल क्षेत्र में मुहर्रम का ताजिया ले जाने में बाधा आने से हिन्दुओं ने पुराने पीपल वृक्ष की शाखा काट दी !

हिन्दुओं की आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता ! मस्जिद के पास हिन्दुओं की शोभायात्राओं पर निश्चित ही आक्रमण होते हैं, तो दूसरी ओर हिन्दू गांधीवादी आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता दिखाकर पवित्र पुराने पीपल वृक्ष पर आघात करते हैं, यह हिन्दुओं के लिए लज्जाप्रद !

Constitution of India : संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द हटाएं !

आपातकाल के समय वर्ष १९७६ में भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’, ये दो शब्द घुसाए गए । संविधान के मूल ढांचे में किया गया यह परिवर्तन संपूर्णतः असंवैधानिक था ।

न्‍यायालय के कार्यक्रमों में पूजा करने की अपेक्षा संविधान के सामने नतमस्‍तक हों !

भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है, तथापि संविधान के प्रथम पन्‍ने पर प्रभु श्रीरामजी का चित्र है । उनका भी आदर बनाए रखें, ऐसा ही बहुसंख्‍यक भारतीयों को लगता है !

Socialist And Secular : संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ एवं ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाएं !

सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत 

संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द हटाने का कांग्रेस का दावा

कांग्रेस ने ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ ये दो शब्द संविधान में घुसेडने पर हिन्दुओं पर अन्याय हुआ और इसी प्रावधान के कारण अल्पसंख्यक फले-फूले । राष्ट्रप्रेमियों और धर्मप्रेमियों को लगता है कि संविधान से ये शब्द निकाल फेंकने के लिए सरकार को प्रयत्न करना चाहिए ।

धर्म, धर्मनिरपेक्षता एवं संविधान !

भारत स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र है ही; परंतु संविधान द्वारा यह घोषित होना आवश्यक है !

भारतीय संविधान में सर्वधर्म समभाव की परिभाषा ही नहीं ! – अधिवक्ता सुभाष झा, सर्वाेच्च न्यायालय

वर्ष १९४७ में धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ । मुसलमान बहुसंख्यक थे; इसलिए उन्हें पाकिस्तान दिया । तो फिर जो बचे वे क्या थे ?

हिन्दू राष्ट्र नहीं, अपितु रामराज चाहिए !

हिन्दू राष्ट्र के द्वारा रामराज का ही निर्माण किया जाएगा, इसलिए सर्वप्रथम हिन्दू राष्ट्र लाना आवश्यक है !