Archaeologist KK Muhammed : यदि भारत मुस्लिम बहुल देश होता तो यह कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं बन पाता !

देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेता एवं उनकी पार्टियाँ तथा अन्य संगठन तथा संस्थाएं इस स्पष्टीकरण पर अपना मुंह नहीं खोलेंगे । क्योंकि इस प्रकार से उन्हें मुस्लिम वोट एवं विदेश से धन भी नहीं मिलेगा !

RSS Dattatreya Hosabale On Aurangzeb : गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वालों ने औरंगजेब को हीरो बना दिया !

गंगा-जमुनी तहजीब एक ऐसी संस्कृति है जो गंगा और यमुना नदियों के किनारे रहने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एकता का प्रतिनिधित्व करती है। केवल हिन्दुओं पर ही इसका पालन करने का दबाव डाला जाता है।

Indira Jaisingh On Hindu Rashtra : (और इनकी सुनिए…) ‘धर्मनिरपेक्ष संविधान के होते हुए हिन्दू राष्ट्र नहीं बना सकते !’ – ज्येष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह

प्रत्येक बात परिवर्तित की जा सकती है । वर्ष १९७५ में इंदिरा गांधी ने देश में ‘इमरजेंसी’ लागू कर संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ ये शब्द बलपूर्वक घुसाए । यदि वे एसा कर सकती हैं, तो यही शब्द संसद में बहुमत के जोर पर लोकतंत्र मार्ग से हटाए भी जा सकते हैं एवं वहां ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द अंतर्भूत किया जा सकता है । ऐसे अधिकार संविधान द्वारा ही दिए गए हैं ।

Bangladesh Turn In An Islamic State : बांग्लादेश के संविधान से ‘राष्ट्रवाद’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द हटाने का प्रयास

इसके विपरित भारत के संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाकर यदि हिन्दू राष्ट्र डाला होता, तो भारत ‘विश्‍वगुरु’की दिशा में क्रमण करने में पहेला कदम उठा चूका होता ! इससे दोनों मानसिकताओं का भेद ध्यान में आता है !

Socialist & Secular in Preamble : संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द नहीं हटाए जाएंगे !

सर्वोच्च न्यायालय ने पूरी सुनवाई से पहले याचिका बंद कर दी ! अधिवक्ता श्री. अश्विनी उपाध्याय तथा विष्णु शंकर जैन प्रविष्ट करेंगे पुनर्विचार याचिका !

चूंकि ९० प्रतिशत मुसलमान बांग्लादेश में हैं, इसलिए संविधान से ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द हटा दें !

इससे पता चलता है कि यह बांग्लादेश को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करने का प्रमाण है !

SC On UP Madarsa ACT : ‘उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा मंडल कानून’ निरस्त करने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार किया 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानून निरस्त करने हेतु दी थी मान्यता !

SC On Preamble Amendment Plea : क्या आपको नहीं लगता कि भारत को धर्मनिरपेक्ष रहना चाहिए ?

भारत में ‘धर्मनिरपेक्षता’ का क्या अर्थ है? इसकी स्पष्ट परिभाषा न होने के कारण ‘धर्मनिरपेक्षता’ का अर्थ हिंदुओं को दबाना और मुसलमानों का तुष्टिकरण करना, ऐसा सुविधाजनक अर्थ राजनीतिक दलों द्वारा निकाला गया है और इसे देश में स्थापित किया गया है।

बरेली (उत्तर प्रदेश) में हिन्दूबहुतल क्षेत्र में मुहर्रम का ताजिया ले जाने में बाधा आने से हिन्दुओं ने पुराने पीपल वृक्ष की शाखा काट दी !

हिन्दुओं की आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता ! मस्जिद के पास हिन्दुओं की शोभायात्राओं पर निश्चित ही आक्रमण होते हैं, तो दूसरी ओर हिन्दू गांधीवादी आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता दिखाकर पवित्र पुराने पीपल वृक्ष पर आघात करते हैं, यह हिन्दुओं के लिए लज्जाप्रद !

Constitution of India : संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द हटाएं !

आपातकाल के समय वर्ष १९७६ में भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’, ये दो शब्द घुसाए गए । संविधान के मूल ढांचे में किया गया यह परिवर्तन संपूर्णतः असंवैधानिक था ।