सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘अनेक पति-पत्नी पूरा जीवन लडते-झगडते रहते हैं और आगे बुढापे में उन्हें समझ में आता है कि ‘इस कष्ट का उपाय केवल साधना करना ही है ।’ उस समय ‘पूरे जीवन में कभी साधना नहीं की’, इसका पश्चाताप करने के अतिरिक्त उनके पास कोई विकल्प नहीं होता ।’

युवकों के सामने, ‘धर्म के लिए कैसा बलिदान होना चाहिए ?’, इसका आदर्श रखनेवाली फिल्म ‘छावा’ !

फिल्म प्रदर्शित होने से पूर्व उसके संबंध में कुछ विवाद उत्पन्न हुए थे; परंतु फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म में गलत इतिहास रखने की अपेक्षा उन्होंने लोगों के सामने एक महान राजा का जीवनचरित्र पहुंचाने का प्रामाणिक प्रयास किया है !

केंद्रीय चिकित्सालय की ओर से अभी तक २ लाख लोगों की पडताल ! – डॉ. मनोज कौशिक, मुख्य चिकित्सकीय अधीक्षक

प्रयागराज कुंभनगरी के केंद्रीय चिकित्सालय में अभी तक २ लाख से अधिक लागों पर उपचार किए गए हैं । इस चिकित्सालय में कुल १ सहस्र २०० से अधिक रोगी भर्ती हुए थे ।

सनातन के ‘आगामी संकटकाल की संजीवनी’ शृंखला के ग्रन्थ : बिन्दुदाब उपचार

मनुष्य की देह के विशिष्ट बिंदु दबाने से (एक्यूप्रेशर) शरीर के चेतना-प्रवाह में आनेवाली बाधाएं दूर कर शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक पीडा कैसे दूर कर सकते हैं, इसका विवेचन करनेवाला एवं व्यावहारिक सूचना देनेवाला ग्रन्थ !

अध्यात्म एवं संपूर्ण भारत वैज्ञानिकता से ओतप्रोत – प्रा. कपिलदेव मिश्र, कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय

जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का प्रवेश उत्सव ! जबलपुर (मध्य प्रदेश) – ‘‘युवा पीढी वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित बात को ही स्वीकार कर रही है । वैसे तो हमारा अध्यात्म और संपूर्ण भारत वैज्ञानिकता से ओतप्रोत है । हम यह चाहते हैं कि शिक्षा के साथ छात्रों में मूल्यों का भी विकास हो इसलिए हर … Read more