Swami Ramdev Urges Muslims : मुस्लिमों द्वारा खाद्यपदार्थों में थूकने की घटनाओं के कारण इस्‍लाम एवं कुरान का प्रचार नहीं होता ! – योगऋषि रामदेवबाबा

योगऋषि रामदेवबाबा ने यहां वक्तव्य करते हुए कहा, ‘मुस्लिमों द्वारा खाद्यपदार्थों में थूकना, मूत्र मिलाना, गंदगी करना आदि घटनाओं के कारण इस्‍लाम एवं कुरान का प्रचार नहीं हो रहा ।

Patanjali Case Supreme Court : एलोपैथी की अपकीर्ति (बदनामी) करने के प्रकरण का अभियोग बंद

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने योगऋषि रामदेवबाबा की क्षमायाचना स्‍वीकार की

Save Bangladeshi Hindus : हम बांग्लादेश निर्माण कर सकते हैं, तो हिन्दुओं की रक्षा के लिए हस्तक्षेप भी कर सकते हैं !

जमात-ए-इस्लामी और सभी कट्टरवादी शक्तियां अपनी क्रूरता दिखा रही हैं । ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए । इसे सहन नहीं किया जाएगा । विश्व को हिन्दुओं की शक्ति दिखानी पडेगी !

Patanjali Case : पतंजलि प्रकरण में अब सर्वोच्च न्यायालय में ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष द्वारा न्यायालय पर की हुई टिप्पणी पर सुनवाई होगी।

सर्वोच्च न्यायालय को इस अध्यक्ष को जाहेर में (खुलेआम) क्षमायाचना करने का आदेश देना होगा, ऐसा किसी को लगता है तो, इसमें आश्‍चर्य कैसा !

‘पतंजलि आयुर्वेद’ के कथित विज्ञापनों के प्रकरण में दिखाई दिया सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का हिन्दूद्वेष !

‘हम आपको मार डालेंगे’, ‘हम आप पर कुछ करोड रुपए का आर्थिक दंड लगाएंगे’, इस प्रकार की भाषा सडक पर चलनेवाले झगडों में सुनने को मिलती है; परंतु ऐसी भाषा का प्रयोग यदि न्यायालय में किया जाता है, तो क्या वह उचित है ?’ कुल मिलाकर भारत में जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होगी, उस समय न्यायाधीश रामशास्त्री प्रभुणे को अपेक्षित न्यायतंत्र बनाया जाएगा !’

Patanjali Case : विज्ञापन के आकार इतना क्षमापत्र छापा क्या ? – उच्चतम न्यायालय

कथित अयोग्य विज्ञापन प्रसारित करनेवाले ‘पतंजलि’ के विरोध में याचिका !

Service Tax On Yoga Shibirs : योगऋषि रामदेव बाबा को योग शिविर के लिए भरना होगा ‘सेवा कर’ ! – उच्चतम न्यायालय

योग शिविर में प्रवेश के लिए शुल्क लिए जाने का दिया कारण !

Patanjali Case : पतंजलि मामले में ‘आपको फाड डालेंगे’ कहनेवाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पर कुछ भूतपूर्व न्यायमूर्तियों द्वारा टिप्पणी !

‘हम आपको फाड डालेंगे’ ऐसा कहने की यह भाषा सडक छाप है और यह संकटजनक है । ऐसे शब्द संवैधानिक न्यायालय के न्याय के शब्दकोश का भाग नहीं हो सकते ।

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हमारे पास ज्ञान और विज्ञान का खजाना है; केवल भीड के जोर पर सत्य-असत्य का निर्णय नहीं लिया जाता, ऐसा मत योगऋषि रामदेवबाबा ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किया ।