
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – इस वर्ष २६ फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन संभल में बंद पड़े शिव मंदिर में ५६ वर्षों के पश्चात जलाभिषेक कार्यक्रम हुआ । एक नापाक षड्यंत्र के अंतर्गत संभल में ६८ तीर्थ स्थलों और १९ कुओं का नामोनिशान मिटाने का प्रयास किया गया । अब यहां ६८ तीर्थ स्थलों में से ५४ और १९ कुओं का शोध हो चुका है । इन्हें कई वर्षों तक जानबूझकर छुपाया गया । हमें वह मिलना चाहिए जो हमारा है । इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसा विधान परिषद में कहा ।
संभल में 56 वर्षों के बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम भी हुआ…
हमने तो वही कहा है कि जो हमारा है, वह हमें मिल जाना चाहिए… pic.twitter.com/7lzDAuyJgH
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 4, 2025
कलियुग में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार सम्भल में होगा । श्री हरिहर मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल के समय किया गया था । प्राचीन मानचित्र के अनुसार इस मंदिर के परिसर में ६८ तीर्थ स्थल तथा १९ कुएं हैं । उनका पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इसके अतिरिक्त, मस्जिद में परिवर्तित किए गए मंदिर को वापस पाने के लिए, हिन्दू न्यायालय के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं । इस पार्श्वभूमि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान महत्वपूर्ण बताया जा रहा है ।
🚨 "We should reclaim what is ours!" – Yogi Adityanath in UP Assembly
🛕 In Sambhal, 87 places of worship (68 teerths & 19 wells) were shut down due to past mischief!
54 have been identified & restored! Time to reclaim every sacred site!#ReclaimTemplespic.twitter.com/81b3csMr5U
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 5, 2025

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा,
१. खग्गू सराय स्थित कार्तिकेश्वर मंदिर के कपाट ४६ वर्षों से बंद थे, जिन्हें खोल दिया गया । इसी प्रकार सरयात्री में वर्षों से बंद पड़े राधा कृष्ण मंदिर के कपाट भी खोल दिए गए । यहां एक बडा कुंआ मिला ।
२. अधिवक्ता आयुक्त तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की सर्वेक्षण रिपोर्ट से भी यहां के शाही जामा मस्जिद की सच्चाई उजागर हुई है । वक्फ संपत्ति के नाम पर चल रहे खेल का पर्दाफाश हो गया है ।
३. सम्भल को धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए बड़ी योजनाएं बनाई जा रही हैं । इससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा ।