श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक पू. संभाजीराव भिड़े गुरुजी का स्पष्ट कथन !

सांगली – छत्रपति शिवाजी महाराज सर्वधर्मसमभाव वाले नहीं थे। उन्होंने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी, यह इतिहास है। आज राजनीति के लिए इतिहास को तोड-मरोड कर पेश किया जा रहा है। कुछ स्वार्थी शोधकर्ता छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को लेकर हंगामा मचा रहे हैं। श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक पू.संभाजीराव भिड़े गुरुजी ने यहां छत्रपति शिवाजी महाराज की स्वतंत्र हिन्दू राज्य लाने की महत्वाकांक्षा को स्पष्ट रूप से कहा । वह सांगली में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। इस अवसर पर धारकरी श्री. अविनाश सावंत उपस्थित थे।
🚩 “Chhatrapati Shivaji Maharaj was not a proponent of ‘Sarva Dharma Samabhav’; he aimed to establish an independent Hindavi Swarajya!” – Pujya Sambhajirao Bhide Guruji, Founder, Shree Shiv Pratisthan Hindustanpic.twitter.com/UThXMnUQnC
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 27, 2025
छत्रपति शिवाजी महाराज की चिता में एक वाघ्या नामक कुत्ता कूद गया था, यह सच्चा इतिहास है !
कोल्हापुर के छत्रपति संभाजी महाराज द्वारा रायगढ़ में वाघ्या नामक कुत्ते की समाधि के संबंध में दिया गया बयान पूरी तरह से गलत है। समाज में कुछ ऐसे इतिहासकार उभर आए हैं जो इतिहास को विकृत कर रहे हैं। इसी कारण यह ग़लतफ़हमी पैदा हो रही है। पू.संभाजीराव भिड़े ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की चिता में वाघ्या कुत्ते के कूदने की कहानी सच्चा इतिहास है। वाघ्या कुत्ते की समाधि हटाने में छत्रपति संभाजीराजे ने जो भूमिका निभाई है यह पूरी तरह ग़लत है । मैंने एक वाघ्या कुत्ते की चिता में कूदने की कहानी इतिहास में पढ़ी है। इसलिए अगर यह स्मारक के रूप में खड़ा है तो यह गलत कैसे है?, यह भी उन्होंने सवाल उठाया।
छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान माह के उपलक्ष्य में २९ मार्च को मौन जुलूस !धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में २९ मार्च को मौन जुलूस निकाला जाएगा। यह मौन मार्च मारुति चौक से शुरू होकर शिवतीर्थ, नगर निगम, राजवाड़ा, स्टेशन चौक, बादाम चौक, खानबाग, पंचमुखी मारुति रोड, रिसाला रोड होते हुए शिवतीर्थ पर समाप्त होगा। श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान ने सभी से धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर मौन जुलूस में भाग लेकर और पूरे दिन उपवास रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने की अपील की है। |