स्त्रियो, स्त्रीवाद की शेखी बघारने की तुलना में धर्मबंधनों का पालन कर आनंदी रहें !

हिन्दू नारियो, भारत पर धर्मप्रेमियों एवं राष्ट्रप्रेमियों का राज्य होने पर हमारा देवधर्म, संस्कृति, इतिहास, भाषा, अस्मिता, आबालवृद्ध और स्त्रियों का रक्षण एवं पालन होगा, यह परम सत्य समझ लें ।

आने वाले ३ वर्षों में भारत हिन्दू राष्ट्र होगा !

पुरी स्थित गोवर्धन पीठ के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का प्रतिपादन ! धर्मांतरित हुए लोगों को पुन: हिन्दू धर्म में लाना चाहिए ! – संपादक वर्ष २०२३ में ‘हिन्दू राष्ट्र’ आने वाला है, यह अब शंकराचार्य भी कहने लगे हैं । अब केंद्र सरकार को इस दिशा में प्रयत्न कर संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ (सक्यूलर) … Read more

हिन्दू धर्म के दुष्प्रचार का विरोध करना हम हिन्दुओं का कर्तव्य है । – पू. नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

असम राज्य सरकार द्वारा मंदिरों और पुजारियों के लिए अनुदान देने के निर्णय की प्रशंसा कर आजमगढ से जुडे श्री. अनिल गिरी ने बताया कि ‘यह निर्णय पूरे देश मे लागू होना चाहिए, इस मांग को लेकर सभी को कृतिशील होना चाहिए, मैं समिति के साथ हूं ।’

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु साधना के रूप में सहभागी होने की आवश्यकता है ! – श्री. शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

तरुण हिन्दू के संस्थापक श्री. एन.एम. दास जी ने उपस्थित लोगों को समिति का परिचय करवाते समय कहा, ‘हमारा और समिति की स्थापना का एक ही उद्देश्य है और वह है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना !’

हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण रोकने के लिए भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना ही एकमात्र विकल्प है ! – विश्वनाथ कुलकर्णी, उत्तर प्रदेश समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

वर्तमान में हिन्दुओं की स्थिति अत्यधिक विदारक है । प्रतिदिन हिन्दुओं पर धर्मांतरण, लव जिहाद, हिन्दुत्वनिष्ठ और साधु-संतों की हत्या, मंदिरों का सरकारीकरण जैसे असंख्य आक्रमण हो रहे हैं ।

लखनऊ में हिन्दू जनजागृति समिति का विविध ऑनलाइन बैठकों में सहभाग

समिति द्वारा आजाद हिन्द भगत संगठन को हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य के लिए सीतापुर और लखनऊ में सक्रिय होने हेतु आवाहन किए जाने पर सभी ने कहा कि ‘यह हमारा कर्तव्य है और हम इसे पूर्ण करेंगे ।’

‘आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, इस कार्य में लगन से सम्मिलित होनेवालों पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की अपार कृपा होगी !

ग्रंथकार्य में सम्मिलित होने की इच्छा रखनेवाले, ग्रंथनिर्माण की सेवा करनेवाले, ग्रंथों का प्रसार करनेवाले, ग्रंथों के लिए अर्पण संकलित करनेवाले एवं ग्रंथों का वितरण करनेवाले सभी को साधना का यह अपूर्व स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है ।

गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हिन्दू-राष्ट्र स्थापना हेतु सक्रिय होने का निश्‍चय करें ! – सद्गुरु डॉ. पिंगळे

शिष्य की आध्यात्मिक उन्नति के साथ धर्मसंस्थापना करना, यह गुरु परंपरा का कार्य रहा है । वर्तमान समय में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना, यह धर्मसंस्थापना का ही कार्य है ।