भारत के विकास में ‘भारतीयत्व सर्वोपरि’ होना चाहिए ! – Shankaracharya Nischalananda Saraswati
शंकराचार्यजी ने आगे कहा कि किस भी समाज के विकास के लिए संपूर्णतया सरकार पर निर्भर रहना उचित नहीं है । यदि सनातन धर्म टिका रहा, तो मनुष्य का कल्याण होगा, विश्व में शांति आएगी तथा भारत पुनः विश्व नेता बनेगा ।