हमें धर्मशिक्षित हिन्दू राष्ट्र चाहिए ! – अधिवक्ता पू. हरि शंकर जैनजी

‘‘प्रत्येक राष्ट्र की संस्कृति होती है, परंतु भारत में ऐसा नहीं है । संविधान की धारा २८ में लिखा है कि हिन्दू पाठशाला में वेद पुराण नहीं पढा सकते; परंतु अन्य पंथीय अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं । हमें धर्मशिक्षित हिन्दू राष्ट्र चाहिए, जिसमें अन्याय, ईर्ष्या, लालच का स्थान न हो ।

हिन्दू जनजागृति समिति को हिन्दू राष्ट्र निर्माण कार्य के लिए संतों के आशीर्वचन !

हावडा (बंगाल) – यहां के शंकर मठ, राजारामतला के मठाधीश डॉ. स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराजजी की हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के राज्य समन्वयक श्री. शंभू गवारे ने भेंट कर समिति के कार्य से अवगत करवाया ।

राजकीय इच्छाशक्ति दिखाने से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो सकती है ! – कालीचरण महाराज

इस देश में लाखो मंदिर गिराए गए । सहस्रों हिन्दू महिलाओं का बलात्कार हुआ । यदि हिन्दू राष्ट्र नहीं बना, तो यह होता ही रहेगा ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए किसी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं है; क्योंकि काल महिमा के अनुसार वह निश्चित ही होगा; परंतु इस कार्य में जो तन- मन-धन का त्याग करके सम्मिलित होगा, उसकी साधना होगी और वह जन्म मृत्यु के फेरे से मुक्त होगा !’

अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिरों की मुक्ति के लिए लडी गई न्यायालयीन लडाई !

राम मंदिर के संदर्भ में ‘प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट’ के सेक्शन ४ को छूट दी गई थी । आज की तारीख में आर्टिकल २५४ (२) के अंतर्गत राज्य सरकार को उसमें सुधार कर उसे काशी और मथुरा से जोडा जाए और उसके उपरांत राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर करेंगे ।

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के लिए धन के रूप में अर्पण कर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

गोवा में होनेवाले इस अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्यरत हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता, उद्योगपति और लेखक भाग लेनेवाले हैं । इस अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देश-विदेश से प्रतिनिधि भाग लेनेवाले हैं ।

वामपंथियों की शिक्षापद्धति के कारण आज की पीढी मुगलों को ही उनका आदर्श मानती है ! – जगजीतन पांडेय, महामंत्री, अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल मत नहीं, अपितु व्रत बनना चाहिए । राष्ट्र और धर्म पर मंडरा रहे संकट के समय धर्म के पक्ष में रहना, हम सभी का दायित्व है । वर्ष २०२५ के पश्चात सत्त्वगुणी हिन्दुओं द्वारा भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना विश्वकल्याण के लिए – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज हिन्दुओं की जो भी कुछ समस्याएं हैं, उनका हम संगठित शक्ति से ही हल ढूंढ सकते हैं । अतः सनातन धर्म वट वृक्ष की शाखाएं भले ही अनेक हों; परंतु हमें एकत्रित होकर ही कार्य करना होगा’’, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना विश्वकल्याण के लिए ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

भारत में हिन्दुओं को असहिष्णु कहा जाता है । मोहम्मद अली जिन्नाह ने धर्म के आधार पर अलग पाकिस्तान की मांग की, उसके अनुसार मुसलमानों को इस्लामी राष्ट्र मिला, तो हिन्दुओं के भारत को धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) घोषित किया गया । तब भी हिन्दू ही असहिष्णु कैसे हो सकते हैं ?

उत्तर भारत में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ संपन्न !

केवल भारत में ही नहीं; अखिल विश्व में हिन्दू राष्ट्र स्थापना आवश्यक है; इसके लिए सभी को एकत्रित होने की आवश्यकता है। तरुण हिन्दू की स्थापना इसी उद्देश्य से हुई है एवं हिन्दू जनजागृति समिति उसे आगे ला रही है, इसलिए हम एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं ।