वह दिन दूर नहीं है जब हिन्दू एकत्रित आकर काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वाेच्च न्यायालय

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना का (नमाज के पहले हाथ-पैर धोने का स्थान) पानी लगातार तीन दिन तक निकालने पर वहां भव्य शिवलिंग मिला । जिस समय मुझे उस भव्य शिवलिंग के दर्शन हुए, उस समय मैंने निश्चय किया कि, आगे से हिन्दुओं के आराध्य देवताओं का अनादर नहीं होने दूंगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने के पश्चात ही विश्व का कल्याण करने में भारत सक्षम बनेगा ! – प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरी महाराज, कोषाध्यक्ष, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास, अयोध्या

भारत में अनादि काल से हिन्दू संस्कृति है । यह संस्कृति प्रगल्भ विचारधारा लेकर आई है । संसार की अन्य संस्कृतियों का लय हो चुका है, तब भी हिन्दू संस्कृति आज भी टिकी हुई है; क्योंकि यह संस्कृति वैदिक विचारधारा पर आधारित है ।

उदयपुर की घटना, भारत के १०० करोड हिन्दुओं की सुरक्षा का प्रश्न ! – हिन्दू जनजागृति समिति

इस घटना से हिन्दू समाज को जागृत होकर संगठित होने की आवश्यकता है । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने प्रतिपादित किया है कि अब केंद्रीय गृहमंत्रालय को हिन्दुओं की सुरक्षा का दायित्व लेना चाहिए ।’

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों को हुई विविध अनुभूतियां एवं उनका हिन्दू जनजागृति समिति के विषय में अपनापन !

१२ से १८ जून २०२२ को रामनाथी (गोवा) के श्री रामनाथ देवस्थान में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न हुआ । इस अधिवेशन के समारोपीय सत्र में हिन्दुत्वनिष्ठों को अधिवेशन काल में हुई अनुभूतियां, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति विशेष अपनापन, इसके साथ ही साधना करते समय हुई विविध अनुभूतियां आदि के विषय में अपना मनोगत व्यक्त किया ।

संप्रदायवाद छोडकर हिन्दुत्ववाद और राष्ट्रवाद अपनाइए ! – पू. चंद्रकांत महाराज शुक्लजी, जिलाप्रमुख, गुरुवंदना मंच, वलसाड, गुजरात.

जिस प्रकार से कि किसानों ने अनेक महिनोंतक आंदोलन किया और उसके कारण सरकार को ३ कृषि कानून रद्द करने पडे, उसी प्रकार हिन्दुओं को सरकार पर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए दबाव बनाना पडेगा ।

नेपाल के हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा संतों और धर्मप्रेमियों का सम्मान !

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के व्यासपीठ से नेपाल के ‘हिन्दू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. भोलानाथ योगी और पोखरा के ‘विश्व हिन्दू महासंघ’ के जिला अध्यक्ष श्री. शंकर खराल ने सद्गुरु, संत एवं धर्मप्रेमीयों को रुद्राक्ष की माला और नेपाली टोपी पहनाकर सम्मान किया ।

‘किलों का रूपांतरण दर्गाह में न हो’; इसके लिए हिन्दुओं को संगठित होकर कार्य करना आवश्यक ! – मनोज खाडये, समन्वयक, पश्चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य, हिन्दू जनजागृति समिति

गढ-किलों का महत्त्व केवल ऐतिहासिक नहीं है, अपितु वो हमारी संस्कृति के धरोहर हैं । उनसे हमें धर्म और राष्ट्र का कार्य करने की प्रेरणा मिलती है; परंतु पुरातत्व विभाग की उपेक्षा के कारण षड्यंत्र रचकर किलों का इस्लामीकरण किया जा रहा है ।

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ यह युवकों का ‘करिअर’ होना चाहिए ! – हर्षद खानविलकर, युवा संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

वर्तमान में युवक-युवती स्वयं के ‘करिअर’ के (भविष्य बनाने के) पीछे पडे हैं; परंतु आज राष्ट्र का ‘करिअर’ (भविष्य) संकट में है । राष्ट्र का ‘करिअर’ संकट में हो, तो हमारा ‘करिअर’ कैसे बनेगा ? छत्रपती शिवाजी महाराज, स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ने छोटी आयु में ही राष्ट्र और धर्म कार्य के लिए जीवन समर्पित किया ।

भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है ! – अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, ऑल इंडिया लीगल एड फोरम, बंगाल

भारत के अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक और मुसलमानों को बहुसंख्यक बनाकर आनेवाले समय में भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है । केंद्र सरकार संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ (सेक्यूलर) शब्द हटाए ।

१२ से १८ जून की अवधि में गोवा में होनेवाले दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में …

इस्लामी अथवा ईसाई देशों की भांति हिन्दू राष्ट्र कोई संकीर्ण अवधारणा (संकल्पना) नहीं है, अपितु वह विश्वकल्याण का विचार करनेवाली, प्रत्येक नागरिक की लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति का विचार करनेवाली एक सत्त्वप्रधान व्यवस्था है ।