पांढरकवडा (यवतमाल) में वध के लिए लाई गई ४७ गायों को छोडा गया !
गौहत्या इस प्रकार से इसलिये हो रही है क्योंकि गौहत्या प्रतिबन्ध कानून का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो रहा है !
गौहत्या इस प्रकार से इसलिये हो रही है क्योंकि गौहत्या प्रतिबन्ध कानून का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो रहा है !
१५ जनवरी से १४ फरवरी की अवधि में यह महायज्ञ होगा । इस महायज्ञ में ३२४ यज्ञकुण्ड बनाए जा रहे हैं । इस महायज्ञ के लिए पूरे देश से २ सहस्र १०० ब्रह्मवृंद आनेवाले हैं ।
वस्तुओं के आयात एवं निर्यात से जुड़े विषयों का अध्ययन करने वाली संस्था ‘एग्जाम्पीडिया’ ने एक रिपोर्ट जारी की है । विदेशों में कई किसानों का मानना है कि भारतीय गाय का गोबर कृषि के लिए संजीवनी है ।
रणनीति में चतुर कट्टरपंथी मुसलमान ! यदि कानून में गो-तस्करों के लिए फांसी की सज़ा का प्रावधान हो तो कुछ ही दिनों में ये अपराध पूरी तरह रुक जायेंगे !
भारत के इतिहास में पहली बार किसी विद्यमान न्यायाधीश ने इस प्रकार का वक्तव्य दिया है । इससे यह ध्यान में लेना होगा कि अब समय बदल रहा है ।
मूलतः धर्म संसद तथा उसमें शामिल सन्तों एवं धर्मगुरुओं को ऐसी मांग करने की आवश्यकता ही नहीं रहनी चाहिए । यह काम सरकार को स्वयं ही करना चाहिए !
प्रतिदिन सुबह तथा संध्या समय गाय की पीठ पर हाथ फेरने से रक्तदाब ५० प्रतिशत न्यून होगा ।
शंकराचार्य ने कहा कि गाय को संरक्षण दिलाना और गायों की सेवा करना इस यात्रा का उद्देश्य है।
महाराष्ट्र सरकार ने ३० सितंबर को इस संबंध में सरकारी आदेश निर्गमित किया है ।
पुनीत केरेहळ्ळी ने गायों की अवैध तस्करी के बारे में मद्दूर पुलिस थाने में आरोप दर्ज करवाया। इस आरोप के आधार पर पुलिस ने वाहन चालक मनसूर अहमद को बंदी बना लिया।