वर्तमान में युवक-युवती स्वयं के ‘करिअर’ के (भविष्य बनाने के) पीछे पडे हैं; परंतु आज राष्ट्र का ‘करिअर’ (भविष्य) संकट में है । राष्ट्र का ‘करिअर’ संकट में हो, तो हमारा ‘करिअर’ कैसे बनेगा ? छत्रपती शिवाजी महाराज, स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ने छोटी आयु में ही राष्ट्र और धर्म कार्य के लिए जीवन समर्पित किया । उन्हें स्वयं का ‘करिअर’ नहीं बनाना था क्या ? उनका आदर्श रखकर ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ यही युवकों का ‘करिअर’ होना चाहिए । धर्मकार्य में योगदान देनेवाले युवक निर्माण होने चाहिए, इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘हिन्दू राष्ट्रवीर’ निर्माण करने का कार्य आरंभ है । हिन्दुओं को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण देने की व्यवस्था नहीं है । इसलिए हिन्दुओं की बुरी स्थिति है । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा युवकों को नि:शुल्क स्वसंरक्षण प्रशिक्षण दिया जा रहा है । वर्तमान स्थिति में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में ९५ स्वसंरक्षण प्रशिक्षणवर्ग लिए जा रहे हैं । इनका लाभ ४०० से अधिक युवक-युवती ले रहे हैं । शौर्य को शक्ति का बल मिले, इसके लिए समिति की ओर से अनेक स्थानों पर ‘बलोपासना सप्ताह’ आयोजित किए गए । इसमें बलोपासना के साथ ही श्रीराम और हनुमान का नामस्मरण किया गया । इसमें ५८० से अधिक युवक-युवती सहभागी हुए थे । कालानुसार घर घर में हिन्दू राष्ट्र का विचार पहुंचाने का कार्य हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा किया जा रहा है, यह जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संगठक श्री. हर्षद खानविलकर ने दी । ‘शौर्य जागरण उपक्रम के माध्यम से युवकों के संगठन के लिए प्रयास’ विषय पर वह बोल रहे थे ।.