वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हलाल सर्टिफिकेशन : वैश्विक अर्थव्यवस्थापर आक्रमण’ एवं ‘हिन्दू राष्ट्र : आक्षेप एवं खण्डन’ इन ‘ई बुक’ का लोकार्पण तथा डॉ. अमित थडानी द्वारा ‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक का लोकार्पण !

हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णीजी के करकमलों से इस पुस्तक का लोकार्पण हुआ । इस अवसर पर व्यासपीठ पर इस पुस्तक के लेखक डॉ. अमित थडानी, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती उपस्थित थे ।

छोटे संगठनों को एकत्र कर हिन्दुत्व का कार्य करवाना चाहिए ! – पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराज, संचालक, श्री जामडी पाटेश्‍वरधाम सेवा संस्थान, पाटेश्‍वर धाम, छत्तीसगड

जो धर्मांतरित हुए हैं उन्हें दूर न करते हुए, उन्हें प्रेम से समीप लाना होगा । ऐसा करने से हिन्दुओं का धर्मातरण नहीं होगा । प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में वानरों के साथ वनवासियों को प्रेम देकर उन्हें अपने कार्य से जोड कर लिया । प्रभु श्रीराम का आदर्श रखकर हमें कार्य करना है ।

हिन्दुओं के प्रतीकों को आक्रमकों द्वारा दिए नाम बदलना, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ! – दुर्गेश परूळकर, लेखक एवं व्याख्याता, ठाणे

औरंगजेब प्रात:स्मरणीय नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज हमारे लिए प्रात:स्मरणीय हैं । हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए नाम बदलने के पीछे अपनी संस्कृति नष्ट करना ही इन आक्रमकों का षड्यंत्र था ।

ईसाई धर्म प्राचीन है, ऐसा झूठा प्रचार कर ईसाइयों द्वारा भारत में धर्मांतरण ! – एस्थर धनराज, परामर्शदाता, भारतीय स्वाभिमान समिति, तेलंगाना

हिन्दू इसका अध्ययन करेंगे, तब ही वे ईसाई धर्मप्रचारकों का प्रतिवाद कर पाएंगे, ऐसा वक्तव्य तेलंगाना के भारतीय स्वाभिमान समिति के परामर्शदाता एस्थर धनराज ने वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के छठवें दिन के सत्र में किया ।

साधना करने से उद्योगपतियों की व्यावहारिक तथा आध्यात्मिक प्रगति होगी ! – रवींद्र प्रभूदेसाई, संचालक, पितांबरी उद्योगसमूह

आज कलियुग में अर्थशक्ति का अधिक प्रभाव है । इसलिए अर्थशक्ति की ओर दुर्लक्ष करने से हमारी हानि हो सकती है । आपके आस्थापन के कर्मचारियों की ऐहिक तथा आध्यात्मिक प्रगति करवाकर लेना, यह आपका दायित्व है ।

भारत की इस्लामी अर्थव्यवस्था को समझ कर उसका विरोध करना चाहिए ! – ऋषि वशिष्ठ, अर्थशास्त्रज्ञ, देहली

किसी भी प्रकार की मुहिम चलाने के लिए, संघर्ष करने के लिए धन की आवश्यकता होती है । धन के माध्यम से संघर्ष आरंभ किया जा सकता है, उसे समर्थन दिया जा सकता है । हिन्दुओं को ‘डिजिटल’ अर्थव्यवस्था का अभ्यास कर उसे सुदृढ बनाना चाहिए ।

अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धीमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक ! – संतोष केंचम्बा, संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म संगठन

भारत में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत योग्य कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार हो रहा है । यह परंपरा पुनर्जिवित कर कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना आवश्यक है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के महायज्ञ में प्रत्येक हिन्दू परिवार के सदस्य आहुति दें ! – आचार्य राजेश्वर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राजस्थान

पहले संपूर्ण विश्व में हिन्दू संस्कृति थी, अब वहां अन्य धर्मी राज कर रहे हैं । कुछ वर्ष पूर्व हिन्दुओं ने कश्मीर से पलायन किया । आज के समय में देश में ६०० स्थानों पर छोटे पाकिस्तान बन गए हैं ।

‘हलालमुक्त भारत’ साकार करने के लिए जागृति अभियान चलाएंगे !’ – प्रशांत संबरगी, बेंगळूरू, कर्नाटक

हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘हलाल’ विषय पर जागृति करने का बहुत बडा कार्य किया है । ‘हलाल’ से मुक्ति पाने के लिए हिन्दुओं ने ग्राहक अधिकार कानून का आधार लेकर ग्राहक मंच द्वारा उत्तर मांगनी चाहिए ।