हिन्दू संगठनों ने कोथरूड (पुणे) में धर्मान्तरण के षडयंत्र को विफल कर दिया ।
इस प्रकार के धर्मान्तरण को रोकने के लिए यथाशीघ्र धर्मपरिवर्तन निरोधक अधिनियम को लागू करना होगा ।
इस प्रकार के धर्मान्तरण को रोकने के लिए यथाशीघ्र धर्मपरिवर्तन निरोधक अधिनियम को लागू करना होगा ।
ईसाई संस्था के अनैतिकता का अड्डा बनने का एक और उदाहरण। ध्यान दें कि छद्म सेक्यूलर कभी भी ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध नहीं बोलते !
हिंदुओं को ऐसी धमकी दिल्ली, भारत में मिल रही है या पाकिस्तान में ? ऐसे विश्वविद्यालय शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि हिन्दू -विरोधी अड्डे बन गए हैं। इसलिए सरकार को ऐसे विश्वविद्यालयों पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए !
बलात् राज्य परिवर्तन के तुरंत उपरांत पूरे देश में अल्पसंख्यकों पर कई आक्रमण हुए । इस अत्याचार और हिंसा को वैश्विक समुदाय के सामने उजागर करना और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का समर्थन करना समय की मांग है ।
बांग्लादेश ही नहीं, भारत में भी होनी चाहिए ये अनुरोध ! अब भारत सहित विश्व के सभी हिन्दुओं को ‘एक है तो सुरक्षित है’ (हम एक होंगे तो सुरक्षित रहेंगे) सोचकर एकजुट हो जाना चाहिए।
जबतक भारत पाकिस्तान को पाठ नहीं पढ़ाएगा, तबतक वहां ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी !
ईसाई मिशनरियां इस बात का फायदा उठा रही हैं कि देश में अभी भी सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं है। यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य बनाती है !
ऐसे मामलों को रोकने के लिए लव जिहाद के दोषियों को फांसी के दंड का प्रावधान होना चाहिए। इसके साथ ही हिंदुओं को धर्मशिक्षा भी दी जानी चाहिए !
जिमखाना द्वारा बताया गया कि जेमिमा के पिता ने क्लब में उनके सदस्यता का उपयोग धार्मिक गतिविधियों के लिए किया, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया।
विनम्रता के नाम पर अन्याय सहना सहनशीलता नहीं है।