छोटे संगठनों को एकत्र कर हिन्दुत्व का कार्य करवाना चाहिए ! – पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराज, संचालक, श्री जामडी पाटेश्‍वरधाम सेवा संस्थान, पाटेश्‍वर धाम, छत्तीसगड

 

विद्याधिराज सभागृह, २१ जून (वार्ता.) – ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के छठे दिन छत्तीसगड के श्री जामडी पाटेश्‍वरधाम सेवा संस्था के संचालक पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराजजी ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘केवल व्यासपीठ से घोषणा करने से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होगी । हिन्दू राष्ट्र की स्थापन के लिए प्रत्यक्ष कार्य करने की आवश्यकता है । भिन्न भिन्न पद्धति से कार्य करने से हिन्दुओं की शक्ति विभाजित होती है । गांव गांव में महिलाओं का गुट शासकीय योजनाओं द्वारा काम कर रहा है । इन महिलाओं के गुटों को धर्मकार्य में सहभागी करवाकर लेना चाहिए । गावों में जिस प्रकार स्वच्छता अभियान चलाया जाता है, उसी प्रकार संस्कारों के प्रसार के लिए अभियान चलाना चाहिए । इस प्रकार संस्कार वाहिनी के माध्यम से छत्तीसगड में १५ हजार लोग कार्यरत हैं ।

पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराज

यह संख्या १ लाख तक पहुंचाने का हमारा संकल्प है । इन सबको काम करने के लिए जो साहित्य आवश्यक होती है वह सब संस्कार वाहिनी द्वारा उपलब्ध करवाकर दिए जाते हैं । यह साहित्य देने के लिए निधि की आवश्यकता होती है; परंतु संतों के मार्गदर्शन में कार्य करने से यह अडचन नहीं आती । राजनैतिक कार्य से बाहर आकर धर्म के लिए कार्य करना होगा । आर्य चाणक्य ने राजनैतिक शक्ति का उपयोग धर्मकार्य के लिए किया । इसका आदर्श सामने रख हम भी धर्मकार्य कर रहे हैं । इसके पूर्व राजनैतिक दलों ने हमारा उपयोग किया । अब हम राजनैतिक शक्ति का धर्मकार्य के लिए उपयोग कर रहे हैं । ईसाई मिशनरी प्रलोभन देकर निर्धन हिन्दुओं का धर्मांतरण करते हैं; परंतु हम हिन्दुओं को आवश्यक साहित्य उपलब्ध करवा कर दे रहे हैं । इसलिए छत्तीसगड में धर्मांतरण रोका जा सका । जो धर्मांतरित हुए हैं उन्हें दूर न करते हुए, उन्हें प्रेम से समीप लाना होगा । ऐसा करने से हिन्दुओं का धर्मातरण नहीं होगा । प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में वानरों के साथ वनवासियों को प्रेम देकर उन्हें अपने कार्य से जोड कर लिया । प्रभु श्रीराम का आदर्श रखकर हमें कार्य करना है