नास्तिकतावादियों की हत्याओं के प्रकरणों में हिन्दुत्वनिष्ठों को फंसाने के पीछे षड्यंत्र ! – डॉ. अमित थडानी, शल्यकर्म चिकित्सक, समाजसेवी तथा लेखक

‘‘सनातन संस्था लोगों को संगठित करती है; इसलिए उसे नास्तिकतावादियों के हत्याओं के प्रकरणों में लक्ष्य बनाया गया । इन प्रकरणों में वास्तविक हत्यारों को खोजने का प्रयास न करते हुए अन्वेषण किया गया ।

‘लव जिहाद’ रोकने के लिए देश स्तर पर कठोर कानून का निर्माण होना आवश्यक ! – यति मां चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.

हिन्दू युवतियों को ‘लव जिहाद’ में षड्यंत्र की भांति फंसाया जा रहा है । एकाध युवती की मृत्यु के पश्चात भी उसकी मृतदेह पर बलात्कार करना, यह पशु को भी लज्जा आए, ऐसा कृत्य है । ऐसे कृत्य जिहादियों द्वारा किए जा रहे हैं ।

हिन्दुओं के सभी मंदिर वापस प्राप्त करना, यह हमारी प्रतिज्ञा है ! – अधिवक्ता (पू.) हरि शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय तथा संरक्षक, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

महाराणा प्रताप, सिक्ख धर्मगुरु ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिए; परंतु पराजय स्वीकार नहीं किया । हमें उनसे अधिक संघर्ष कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी होगी । तभी उन धर्मयोद्धाओं को शांति मिलेगी ।

साधना के बल पर हम समाज में स्थित नकारात्मक शक्तियों से से लडकर हिन्दू राष्ट्र ला सकते हैं ! – अधिवक्ता कृष्णमूर्ती पी., कोडागू, कर्नाटक

अधिवक्ता कृष्णमूर्ति धर्मनिष्ठ अधिवक्ता हैं । उनका अखंड नामजप चलता है । यात्रा में वे प.पू. भक्तराज महाराजजी के भजन सुनते हैं । भजन सुनते-सुनते ‘यात्रा कब पूर्ण हुई’, यह समझ में ही नहीं आता ।

ईश्वर के प्रति भाव एवं निरपेक्षता से धर्मकार्य करनेवाले अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती का सूक्ष्म प्रयोग !

भजन सुनते समय उनकी आंखों में भावाश्रु आते हैं । धर्मकार्य के लिए वे अपने निजी खर्च कर विविध गांवों में जाकर हिन्दुत्वनिष्ठों की कानूनी सहायता करते हैं । उनका कार्य निरपेक्ष होता है ।

हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं को हिन्दूविरोधी ‘नैरेटिव’ के (कथानक के) विरुद्ध एकत्रित लडना आवश्यक ! -अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

वर्ष २००८ के मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण की कथित आरोपी साध्वी प्रज्ञासिंह जब कारागार में थी, उस समय एक मुसलमान महिला ने उन पर कारागार में आक्रमण किया ।

हिन्दू संस्कृति पर हो रहे आक्रमणों का विरोध करने के लिए अधिवक्ता हिन्दू धर्मग्रंथों का अध्ययन करें ! – अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, सर्वोच्च न्यायालय, देहली

स्वतंत्रता से पूर्व भारत में न्यायालयीन कामकाज में वेद-शास्त्र का संदर्भ दिया जाता था; परंतु अब कानून के पाश्‍चात्त्यीकरण के कारण उनके संदर्भों का उपयोग नहीं किया जाता है । स्वतंत्रताप्राप्ति के उपरांत साम्यवादियों की बौद्धिक विकृति ने भारत में मजबूत जाल बनाया है ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के लिए उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन !

१६ से २२ जून २०२३ की अवधि में विद्याधिराज सभागार, रामनाथी, गोवा में ११ वां अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन (वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव) संपन्न हुआ । इस अधिवेशन में सहभागी हुए संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के विषय में मार्गदर्शक सनातन की ग्रंथमाला : हिन्दू धर्म एवं धर्मग्रंथों का माहात्म्य

हिन्दू धर्म की निर्मिति किसने और कब की ? हिन्दू धर्म का महत्त्व क्या है तथा ‘हिन्दू’ किसे कहें ? इन प्रश्नोंके उत्तर पढिये “धर्मका मूलभूत विवेचन” इस ग्रंथ में

‘हिन्दू राष्ट्र से लेकर हिन्दू विश्व तक’ इस ‘फोटो पांईंट’ पर हिन्दुत्वनिष्ठों ने खींचे छायाचित्र !

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के स्थान पर ‘हिन्दू राष्ट्र से हिन्दू विश्व तक’ इस संकल्पना पर आधारित ‘फोटो पाईंट’ (छायाचित्र खींचने का विशिष्टतापूर्ण कक्ष) का निर्माण किया गया था । इस स्थान पर अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ जयघोष करते हुए उत्साह से छायाचित्र खींचे !