१९९६ के चारा घोटाला के ५ वे प्रकरण मे लालूप्रसाद यादव दोषी
२६ वर्षों के पश्चात यदि आरोपी को दोषी ठहराया जा रहा हो, तो क्या इसे न्याय कहा जा सकता है?
२६ वर्षों के पश्चात यदि आरोपी को दोषी ठहराया जा रहा हो, तो क्या इसे न्याय कहा जा सकता है?
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आत्मसमर्पण के तत्त्वज्ञान एवं ईश्वर के अधिष्ठान के बल पर कार्य करने की प्रेरणा लेकर हमें हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में योगदान बढाने की आवश्यकता है ।
यह लज्जाजनक बात है कि, बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां अवैध रूप से रहते हैं तथा भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सुरक्षा बलों को उसका अता-पता भी नहीं होता है !
अन्य समय में आधुनिकतावादी और धर्मनिरपेक्षतावादियों की हत्या होने पर अत्यधिक शोर करने वाले संगठन और पुरस्कार वापस करने वाला समूह हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या होने पर एक भी शब्द निकालते नहीं, यह ध्यान दें !
जो हिन्दुओं के साथ छल कर उनका धर्मांतरण करने वालों के विरुद्ध स्वयं कार्यवाही नहीं करते एवं जब उन्हें ग्रामीण पकडते हैं, तो वो उन्हें मुक्त कर देते हैं ; इससे क्या यह समझा जाए कि, यह पुलिस का हिन्दू -द्वेष एवं ईसाई प्रेम है ?
सनातन पंचांग देखकर श्री. ओझा का भाव जागृत हुआ । वे बोले, ‘‘लगभग ६-७ वर्षाें पूर्व मुझे सनातन पंचांग मिला था । उसे मैंने अब तक सहेजकर रखा है ।’’
खूंटी जिले में कट्टरपंथियों ने मामूली कारण पर ४५ वर्षीय पंकज चौधरी की हत्या कर दी । गंभीर रूप से घायल चौधरी को पहले तोपरा चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था ।
हिन्दू धर्म में ‘पितृऋण’ से मुक्त होने के लिए श्राद्धविधि करने का विशेष महत्त्व बताया गया है; परंतु समाज को श्राद्ध करने का महत्त्व और उस विषय के धर्मशास्त्र का ज्ञान न होने से श्राद्ध के विषय में अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं ।
झारखंड भारत में है या पाकिस्तान में ? नमाज पढने के लिए, विद्यालय को अवकाश देने वाले पाठशाला के प्रबंधन के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए !
हिन्दुओं में धर्माभिमान न होने के कारण इस प्रकार विविध माध्यमों से हिन्दुओं के देवताओं का अपमान किया जाता है ! – संपादक