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जमशेदपुर (झारखंड) – में हुई धार्मिक हिंसा के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाने के प्रकरण में निवेदन प्रस्तुत करने हेतु पुलिस अधीक्षक से भेंट करने गए एक अधिवक्ता के साथ ८ हिन्दू कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया गया । उन पर हत्या के प्रयास के साथ अवैध हथियार तथा विस्फोटक रखने का आरोप लगाया गया है । उन्हें कारावास में भेजा गया है । जमशेदपुर पुलिस की कार्यवाही पर जिला न्यायालय के अधिवक्ता ने अप्रसन्नता व्यक्त की है । उन्होंने इस विषय में आंदोलन की चेतावनी भी दी है ।
एक समाचार संस्था द्वारा दी जानकारी के अनुसार अधिवक्ता चंदन चतुर्वेदी के नेतृत्व में हिन्दू संगठनों का एक समूह जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भेंट करने उनके कार्यालय में गया था । अधिवक्ता के कथनानुसार विश्व हिन्दू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं को कदमा से पुलिस पकड कर ले गई थी । इस विषय में निवेदन देने हेतु वे पुलिस कार्यालय गए थे । जमशेदपुर न्यायालय के अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यवाही पर अप्रसन्नता व्यक्त की । अधिवक्ताओं ने न्यायालय में काम बंद कर ‘पुलिस प्रशासन शुद्धि पर आए’ की घोषणा की । (पुलिसकर्मियों की झुंडशाही ! रामनवमी के अवसर पर हिंसा कर दुकानें तथा वाहनों की आगजनी करनेवाले धर्मांध मुक्त, जबकि इस विषय में निवेदन देने हेतु गए संगठनों के कार्यकर्ताओं को बंदी बनाना क्रोधजनक है ! – संपादक, दैनिक सनातन भारत )
संपादकीय भूमिका
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