Bhagyanagar Sar Tan se Juda : भाग्‍यनगर (तेलंगाना) यहां मुसलमानों द्वारा ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगे !

धर्मांध मुसलमानों की कथित धर्मभावनाएं आहत होनेपर वे सीधा ही कानून हाथ में लेते हैं । इसके विपरीत हिन्दू वैध (कानूनी) मार्ग से न्‍याय पाने के लिए प्रयास करते हैं । तब भी हिन्दुओं को ‘असहिष्‍णु’ कहकर लज्जित किया जाता है, यह संतापजनक (क्रुद्ध) !

हुगली (बंगाल) के मुसलमानबहुल क्षेत्र में श्रीरामनवमी की शोभायात्रा पर आक्रमण !

बिहार एवं बंगाल में हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्राओं पर निरंतर हो रहे आक्रमण तथा वहां के सरकारों की निष्क्रियता को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की ही आवश्यकता है !

साहिबगंज (झारखंड) में कट्टर मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं की शोभायात्रा पर पथराव !

जो पुलिस स्वयं की रक्षा नहीं कर सकती, ‍वह हिन्दुओं की रक्षा कैसे करेगी ? इसलिए स्वसुरक्षा हेतु अब हिन्दुओं को ही सक्षम होना काल की आवश्यकता है !

भोपाल (मध्य प्रदेश) – यहां मंदिर के भोंपुओं के संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी ने मंदिर व्यवस्थापन को सूचना दी !

मस्जिद के भोंपुओं के विषय में परिवाद करने पर क्या अनुमंडल पदाधिकारी इतनी तत्परता से कृति करते हैं ?

(इनकी सुनिए…) ‘रामनवमी की फेरी में मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में आक्रमण किए, तो कार्रवाई करूंगी !’

बंगाल के हिन्दुओं का दुर्भाग्य है कि उनको निरंतर धर्मांधों का पक्ष लेकर हिन्दुओं की उपेक्षा करनेवाली मुख्यमंत्री मिली है । इसे रोकने के लिए हिन्दुओं को तृणमूल कांग्रेस का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त करने के लिए प्रयास करना आवश्यक !

श्रीरामनवमी तथा छठपूजा की कालावधि में ७५ डेसीबल से अधिक आवाज पर पाबंदी !

बिहार की नीतिश कुमार सरकार का फतवा !
अजान पर ऐसा प्रतिबंध क्यों नहीं ? – विहिप

तेलंगाना सरकार द्वारा रमजान की कालावधि में मुसलमान कर्मचारियों को १ घंटा पूर्व घर जाने की अनुमति

इससे पूर्व बिहार सरकार ने भी ऐसा निर्णय लिया है । वहां एक घंटा पूर्व काम पर उपस्थित रहने के लिए कहा गया है ।

केरल में हिन्दुओं के विरोध के उपरांत मंदिर को लगाया पाक के ध्वज जैसा रंग मंदिर व्यवस्थापन ने हटा दिया !

‘हिन्दू ऐक्यवेदी’ नामक संगठन ने चेतावनी दी थी कि यदि मंदिर का रंग हटाया नहीं गया, तो संगठन के कार्यकर्ता स्वयं उसे हटा देंगे । यह मंदिर ‘मलाबार देवस्वोम मंडल’ द्वारा संचालित होता है । इस मंडल पर साम्यवादी तथा नास्तिकों का प्रभाव है ।

इंदौर में ‘पी.एफ.आई.’ के गुप्तचर को पकडने वाले अधिवक्ता पर आक्रमण !

अधिवक्ता मनीष हिन्दू महासभा से संबंधित हैं तथा वे सामाजिक माध्यमों पर भी सक्रिय रहते हैं । उन्होंने अजान के अवसर पर प्रयोग में लाए जानेवाले भोंपुओं के विरुद्ध उपक्रम भी आरंभ किया था ।

(और इनकी सुनिए…) ‘हम गाय का दूध पीते हैं, किन्तु भारतीय पीते हैं मूत्र !’

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ? अगर उन्हें गोमूत्र के लाभ का ज्ञान होता तो वे ऐसा वक्तव्य कभी नहीं देते ! गोहत्या करने वालों को जब गाय के लाभ का पता चलेगा तो वे भी उसकी पूजा करने लगेंगे; किन्तु आसुरी वृत्ति के लोगों के लिए यह कदापि संभव नहीं है !