Gujarat HC On Bhagavad Gita : स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाना नैतिकता सिखाने जैसा है ! – गुजरात उच्च न्यायालय
भगवत गीता पढ़ाने के विरुद्ध याचिका निरस्त !
भगवत गीता पढ़ाने के विरुद्ध याचिका निरस्त !
मूलतः धर्म संसद तथा उसमें शामिल सन्तों एवं धर्मगुरुओं को ऐसी मांग करने की आवश्यकता ही नहीं रहनी चाहिए । यह काम सरकार को स्वयं ही करना चाहिए !
हिन्दू पक्ष की ओर से सभी १५ प्रकरण उच्च न्यायालय में वर्ग करने की मांग
इन दुकानों का निर्माण ३ दशक पहले विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं ने किया था।
वर्ष २००२ में गुजरात में गोधरा रेलवे स्थानक पर पहुंची ‘साबरमती एक्सप्रेस’ की, कार सेवकों से भरे एक शयन यान में मुसलमानों ने आग लगा दी। इसमें ५८ कारसेवकों की जलकर मृत्यु हो गई। इसी गोधरा हत्याकांड पर आधारित चल चित्र ‘द साबरमती रिपोर्ट’ १५ नवंबर को देशभर में प्रसारित किया गया था।
मक्का में मक्केश्वर महादेव हैं। ‘गीता प्रेस’ के शिवपुराण अंक में इस विषय पर विस्तार से लिखा गया है; लेकिन मक्का और मदीना अब मुसलमानों के तीर्थस्थल बन चुके हैं। वहां हिंदुओं के जाने पर प्रतिबंध है। इसी के चलते अब मुसलमानों के महाकुंभ में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है।
वास्तव में प्रशासन को ऐसी गलत बातों पर ध्यान देना चाहिए । यदि हिंदुओं ने इस पर ध्यान नही दिया होता, तो यह सिलसिला जारी रहता। अत: प्रशासन में संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए !
चूंकि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है, इसलिए हिन्दुओं को लगता है कि उन्हें कट्टरपंथियों की ऐसी किसी भी योजना को सफल नहीं होने देना चाहिए !
नवी मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ‘सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन’ (CIDCO) की भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई दरगाह और अन्य अवैध निर्माण प्रशासन ने गिरा दिए।
ऐसे कार्यकर्ताओं से भरा पक्ष सत्ता में आने पर जनता को कानून का राज्य कभी नहीं मिलेगा ! ऐसे पक्ष पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य है !