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जमशेदपुर (झारखंड) – कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों ने श्रीरामनवमी के उपलक्ष्य में फहराए गए धर्मध्वज का अनादर किया । इस प्रकरण में झारखंड के जमशेदपुर में दो दलों के मध्य पुनः हिंसा हुई । जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर में हुई हिंसा के समय धर्मांधों ने पथराव किया । उन्होंने अनेक दुकान एवं वाहनों को क्षति पहुंचाई एवं गोली भी चलाई । पथराव करनेवालों ने ६ दुकानें एवं २ दोपहिएवाले वाहन जला दिए । परिस्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में गोली चलाई । पुलिस ने दंगा प्रभावित क्षेत्र में धारा १४४ (भीड-प्रतिबंध ) लागू किया है । इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है । (हिंसा होने के उपरांत धारा १४४ लागू करनेवाले नहीं, अपितु हिंसा न हो, इसलिए सावधानी से कृत्य करनेवाली पुलिस चाहिए ! – संपादक)
Jharkhand | Stone pelting broke out between 2 groups in Jamshedpur
The situation is under control. Those who had gathered have been sent home. The force has been deployed in the entire area, a company of RAF is deployed. Some people have also been detained: Prabhat Kumar, SSP… pic.twitter.com/Cz6L7YGUk3
— ANI (@ANI) April 9, 2023
१. लगभग ३ घंटे की हिंसा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के साथ अनेक पुलिसकर्मी घायल हुए । (धर्मांध ३ घंटे तक हिंसा करते रहे । ऐसे धर्मांधों को यदि पुलिस रोक न सके, तो ऐसी पुलिस को हिन्दुओं के कर (राजस्व) से क्यों पोसना चाहिए ? – संपादक) पथराव एवं हो-हल्ला करनेवाले ६० से अधिक युवकों को पुलिस ने नियंत्रण में लिया है ।
२. पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार द्वारा दी जानकारी के अनुसार, भीड को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा अश्रु गैस छोडी गई । इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में अर्धसैनिक दल के सैनिक नियुक्त किए गए है ।
(सौजन्य : Zee News)
३. पूर्व सिंहभूम जिले के उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ समाजद्रोही शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं । उनका यह षड्यंत्र विफल करने में जनता सहायता करे । (समाज द्रोहियों को रोकने के लिए नागरिकों से सहायता मांगना प्रशासन के लिए लज्जाजनक ! जिला उपायुक्त द्वारा पुलिस को समाज द्रोहियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश देना अपेक्षित है ! – संपादक)
४. इससे पूर्व ३१ मार्च को जमशेदपुर के जुगसलाई क्षेत्र में श्रीरामनवमी के उपलक्ष्य में निकाली गई फेरी का विरोध करते हुए कट्टरपंथियों ने पथराव किया था । इस समय उन्होंने रास्ते पर टायर जला दिए थे । पुलिस वाहनों को क्षति पहुंचाई थी । पुलिसकर्मियों द्वारा श्रीरामनवमी की फेरी रोकने से हिन्दू भी क्रोधित हुए थे । उन्होंने यहां के बाटा चौक पर हनुमान चालीसा का पाठन आरंभ किया था ।
क्यों हुई हिंसा ?कदमा शास्त्रीनगर ब्लॉक क्रमांक ३ चौक पर ९ अप्रैल की शाम कट्टर मुसलमानों ने मांस से भरी प्लास्टिक की थैली धर्मध्वज के बांस से बांध दी थी । ब्लॉक क्रमांक २ के जटाधारी हनुमान मंदिर में हिन्दू संगठनों की बैठक हुई । उसमें यहां के चौक को ‘बजरंग बली चौक’ नामकरण करने का निश्चित हुआ । इसलिए इस बैठक पर अचानक पथराव होने लगा । तदनंतर हिंसा हुई । |
संपादकीय भूमिका
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