‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में पारित किए गए कुछ महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में हिन्दू हित के अनेक प्रस्ताव हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘हर हर महादेव’ की घोषणा में सम्मत किए । उनमें से कुछ प्रस्ताव आगे दिए हैं ।

‘हलाल’ के माध्यम से हिन्दुओं का पैसा आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए पहुंच रहा है ! – श्री. कपिल मिश्रा, संस्थापक, हिन्दू ईकोसिस्टम

हिन्दुओंके विरोध में ‘अर्थव्यवस्था’ निर्माण हो गई है तथा राष्ट्र एवं हिन्दू विरोधी शक्तियों का जाल संपूर्ण देश में फैल गया है । इस संकट के विरुद्ध लडने के लिए हिन्दुओं ने जाति भेद भुलाकर एकत्रित आना चाहिए

आनेवाले ५ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश के ईसाई धर्मांतर की समस्या समाप्त कर देंगे ! – श्री. कुरु ताई, उपाध्यक्ष, बांस संसाधन एवं विकास एजन्सी, अरुणाचल प्रदेश

कर्करोग से पीडितों को ठीक करने का आवाहन प्रसारमाध्यमों के सामने दिया । तब उन पादरियों ने मना कर दिया । इस प्रकार हिन्दुओं के धर्मांतर का प्रयत्न करनेवाले वहां के ईसाइयों का षड्यंत्र हमने उजागर कर रहे हैं । – श्री. कुरु ताई

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह ने दहाडकर किया ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना का उद्घोष !

धर्मांध आतंकियों का रूप लेकर हिन्दुओं को मारने के लिए तैयार होकर बैठे हैं । प्रत्येक गांव के हिन्दू स्वयं की रक्षा के लिए शस्त्रविद्या सीख लें, अन्यथा भविष्य में धर्मांधों के हाथों हिन्दू मारे जाएंगे ।

नक्सली ही वामपंथी तथा वामपंथी ही नक्सली हैं, यह न बताना ही वैचारिक आतंकवाद ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

वामपंथियों ने संपूर्ण विश्व में जो हत्याएं कीं, उनका आंकडा १० करोड से भी अधिक है । नक्सलियों ने ही भारत में १४ सहस्र से अधिक लोगों की हत्याएं की हैं । नक्सलियों ने जिनकी हत्याएं की हैं, उनमें आदिवासी, विधायक एवं मंत्री अंतर्भूत हैं; परंतु यह हमें दिखाया नहीं जाता ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हलाल सर्टिफिकेशन : वैश्विक अर्थव्यवस्थापर आक्रमण’ एवं ‘हिन्दू राष्ट्र : आक्षेप एवं खण्डन’ इन ‘ई बुक’ का लोकार्पण तथा डॉ. अमित थडानी द्वारा ‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक का लोकार्पण !

हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णीजी के करकमलों से इस पुस्तक का लोकार्पण हुआ । इस अवसर पर व्यासपीठ पर इस पुस्तक के लेखक डॉ. अमित थडानी, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती उपस्थित थे ।

छोटे संगठनों को एकत्र कर हिन्दुत्व का कार्य करवाना चाहिए ! – पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराज, संचालक, श्री जामडी पाटेश्‍वरधाम सेवा संस्थान, पाटेश्‍वर धाम, छत्तीसगड

जो धर्मांतरित हुए हैं उन्हें दूर न करते हुए, उन्हें प्रेम से समीप लाना होगा । ऐसा करने से हिन्दुओं का धर्मातरण नहीं होगा । प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में वानरों के साथ वनवासियों को प्रेम देकर उन्हें अपने कार्य से जोड कर लिया । प्रभु श्रीराम का आदर्श रखकर हमें कार्य करना है ।

हिन्दुओं के प्रतीकों को आक्रमकों द्वारा दिए नाम बदलना, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ! – दुर्गेश परूळकर, लेखक एवं व्याख्याता, ठाणे

औरंगजेब प्रात:स्मरणीय नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज हमारे लिए प्रात:स्मरणीय हैं । हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए नाम बदलने के पीछे अपनी संस्कृति नष्ट करना ही इन आक्रमकों का षड्यंत्र था ।

ईसाई धर्म प्राचीन है, ऐसा झूठा प्रचार कर ईसाइयों द्वारा भारत में धर्मांतरण ! – एस्थर धनराज, परामर्शदाता, भारतीय स्वाभिमान समिति, तेलंगाना

हिन्दू इसका अध्ययन करेंगे, तब ही वे ईसाई धर्मप्रचारकों का प्रतिवाद कर पाएंगे, ऐसा वक्तव्य तेलंगाना के भारतीय स्वाभिमान समिति के परामर्शदाता एस्थर धनराज ने वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के छठवें दिन के सत्र में किया ।

साधना करने से उद्योगपतियों की व्यावहारिक तथा आध्यात्मिक प्रगति होगी ! – रवींद्र प्रभूदेसाई, संचालक, पितांबरी उद्योगसमूह

आज कलियुग में अर्थशक्ति का अधिक प्रभाव है । इसलिए अर्थशक्ति की ओर दुर्लक्ष करने से हमारी हानि हो सकती है । आपके आस्थापन के कर्मचारियों की ऐहिक तथा आध्यात्मिक प्रगति करवाकर लेना, यह आपका दायित्व है ।