राष्ट्रनिर्माण के लिए त्याग तथा राष्ट्र एवं धर्म के प्रति निष्ठा आवश्यक !  – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

राष्ट्ररचना एक शास्त्रीय संकल्पना है, जो सत्य पर आधारित है । इसमें असत्य का कोई स्थान नहीं है । ‘राष्ट्रनिर्माण’ सत्ता की लालसा रखनेवालों का काम नहीं है । राष्ट्रनिर्माण के लिए त्याग तथा राष्ट्र एवं धर्म के प्रति निष्ठा की आवश्यकता है ।

बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार बांग्ला देश की सरकार पर दबाव बनाएं ! – अजय सिंह, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन

बांग्लादेश के हिन्दुओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है । वहां हिन्दू लडकियों के साथ प्रतिदिन बलात्कार हो रहे हैं, मंदिर तोडे जा रहे हैं, साथ ही हिन्दुओं की भूमि लूटी जा रही हैं । वहां के हिन्दू अक्षरशः गुलामी का जीवन जी रहे हैं ।

नेपाल को धर्मनिरपेक्ष घोषित करना समस्त हिन्दुओं पर किया हुआ आघात ! – चिरण वीर प्रताप खड्का, प्रमुख, ॐ रक्षा वाहिनी, नेपाल

पिछले १ दशक के नेपाला को धर्मनिरपेक्ष घोषिथ कर समस्त हिन्दुओं की श्रद्धा पर प्रहार किया गया है । नेपाल बहुत शीघ्र हिन्दू राष्ट्र बनेगा । सभी हिन्दुओं को नेपालसहित संपूर्ण विश्व को हिन्दू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखना होगा ।

यद्यपि भारत स्वतंत्र है, तथापि हमारी शिक्षाप्रणाली परतंत्र की है ! – जगदीश चौधरी निर्देशक, बालाजी ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूशन्स, हरियाणा

भारतीय स्वावलंबी न बनकर सदैव गुलाम बने रहें, ऐसी शिक्षा प्रणाली अंग्रेजों ने बनाई । इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली से अंग्रेजों ने भारतियों की रीढ तोड दी । भारतीय शिक्षा मोक्षप्राप्ति की दिशा देनेवाला है ।

…तो हिन्दू युवतियां गाय को काटनेवालों के साथ भाग नहीं जातीं ! – श्रीमती मीनाक्षी शरण, संस्थापक, अयोध्या फाऊंडेशन, मुंबई

हमारे अभिभावकों ने अपने बच्चों को गाय को चारा देना सिखाया होता, तो हिन्दू युवतियां गाय को काटनेवालों के साथ भाग नहीं जातीं । हिन्दुओं ने अपने बच्चों को अपनी संस्कृति सिखाई होती, तो लव जिहाद की घटनाएं नहीं होतीं । ऐसा प्रतिपादन उन्होने किया

जिहाद के विरुद्ध लडने के लिए हिन्दुओं को शत्रुओं की गतिविधियों को समझ लेना आवश्यक ! – नीरज अत्री, अध्यक्ष, विवेकानंद कार्य समिति, हरियाणा

वारी में सहभागी मुसलमान श्री विठ्ठल की महिमा बता सकते थे; परंतु उन्होंने ‘अल्ला देवे, अल्ला दिलावे’, ऐसा बोला । पश्चिम बंगाल, कश्मीर, केरल जैसे मुसलमान बहुसंख्यक राज्यों में वे हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित नहीं होते ।

भारत की शिक्षा का स्तर बढाना आवश्यक ! – अनिल धीर, संयोजक, इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज, भुवनेश्वर, ओडिशा

हमने वनवासियों से ३० सहस्र पोथियां एकत्र कीं और उन सभी को ओडिशा राज्य के संग्रहालय में भिजवा दिया । इन पोथियों में श्लोक इत्यादि नहीं थे, अपितु विमानों की निर्मिति कैसे करें ?, मंदिरों के निर्माण कार्य कैसे करें ? आदि प्रत्येक विषय पर विवरण दिया गया था ।

राष्ट्र के उत्थान के लिए योग एवं अध्यात्म की आवश्यकता ! – डॉ. सत्यमेव जयते लोक मंगल, अध्यक्ष, सत्यमेव जयते

भारत स्वतंत्र होने के उपरांत शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार रुका नहीं । शासकीय कार्यालय, विद्यालयों आदि में योग एवं अध्यात्म की शिक्षा देने पर भ्रष्टाचार रोक सकेंगे । अध्यात्म भारत की शक्ति है । सरकार को इस ओर ध्यान देना आवश्यक है ।

सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध संवैधानिक पद्धति से लडाई लडने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति का ‘सुराज्य अभियान’ ! – विश्वनाथ कुलकर्णी, राज्य समन्वयक, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार

आज सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार फैल गया है, इसके प्रति सभी अप्रसन्न हैं; परंतु इसके संदर्भ में क्या किया जा सकेगा, यह ज्ञात न होने से वे इसमें फंस जाते हैं तथा इस भ्रष्ट व्यवस्था का एक अंश बन जाते हैं ।

हिन्दुओं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए अधिक तीव्रता से प्रयास करना होगा ! – अधिवक्ता अतुल जेसवानी, संस्थापक तथा प्रदेशाध्यक्ष, हिन्दू सेवा परिषद, मध्यप्रदेश

‘हिन्दू राष्ट्र अर्थात केवल जिस पर हमारा अधिकार है, ऐसा भूमि का टुकडा नहीं, अपितु ‘जहां लव जिहाद, गोहत्या, बलात्कार, धर्मांतरण आदि नहीं होगा’, ऐसा राष्ट्र । ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होनी ही है’, यह सोचकर हिन्दुओं के शांत बैठने से नहीं चलेगा ।