भारत की इस्लामी अर्थव्यवस्था को समझ कर उसका विरोध करना चाहिए ! – ऋषि वशिष्ठ, अर्थशास्त्रज्ञ, देहली

किसी भी प्रकार की मुहिम चलाने के लिए, संघर्ष करने के लिए धन की आवश्यकता होती है । धन के माध्यम से संघर्ष आरंभ किया जा सकता है, उसे समर्थन दिया जा सकता है । हिन्दुओं को ‘डिजिटल’ अर्थव्यवस्था का अभ्यास कर उसे सुदृढ बनाना चाहिए ।

अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धीमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक ! – संतोष केंचम्बा, संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म संगठन

भारत में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत योग्य कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार हो रहा है । यह परंपरा पुनर्जिवित कर कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना आवश्यक है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के महायज्ञ में प्रत्येक हिन्दू परिवार के सदस्य आहुति दें ! – आचार्य राजेश्वर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राजस्थान

पहले संपूर्ण विश्व में हिन्दू संस्कृति थी, अब वहां अन्य धर्मी राज कर रहे हैं । कुछ वर्ष पूर्व हिन्दुओं ने कश्मीर से पलायन किया । आज के समय में देश में ६०० स्थानों पर छोटे पाकिस्तान बन गए हैं ।

‘हलालमुक्त भारत’ साकार करने के लिए जागृति अभियान चलाएंगे !’ – प्रशांत संबरगी, बेंगळूरू, कर्नाटक

हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘हलाल’ विषय पर जागृति करने का बहुत बडा कार्य किया है । ‘हलाल’ से मुक्ति पाने के लिए हिन्दुओं ने ग्राहक अधिकार कानून का आधार लेकर ग्राहक मंच द्वारा उत्तर मांगनी चाहिए ।

नास्तिकतावादियों की हत्याओं के प्रकरणों में हिन्दुत्वनिष्ठों को फंसाने के पीछे षड्यंत्र ! – डॉ. अमित थडानी, शल्यकर्म चिकित्सक, समाजसेवी तथा लेखक

‘‘सनातन संस्था लोगों को संगठित करती है; इसलिए उसे नास्तिकतावादियों के हत्याओं के प्रकरणों में लक्ष्य बनाया गया । इन प्रकरणों में वास्तविक हत्यारों को खोजने का प्रयास न करते हुए अन्वेषण किया गया ।

‘लव जिहाद’ रोकने के लिए देश स्तर पर कठोर कानून का निर्माण होना आवश्यक ! – यति मां चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.

हिन्दू युवतियों को ‘लव जिहाद’ में षड्यंत्र की भांति फंसाया जा रहा है । एकाध युवती की मृत्यु के पश्चात भी उसकी मृतदेह पर बलात्कार करना, यह पशु को भी लज्जा आए, ऐसा कृत्य है । ऐसे कृत्य जिहादियों द्वारा किए जा रहे हैं ।

हिन्दुओं के सभी मंदिर वापस प्राप्त करना, यह हमारी प्रतिज्ञा है ! – अधिवक्ता (पू.) हरि शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय तथा संरक्षक, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

महाराणा प्रताप, सिक्ख धर्मगुरु ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिए; परंतु पराजय स्वीकार नहीं किया । हमें उनसे अधिक संघर्ष कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी होगी । तभी उन धर्मयोद्धाओं को शांति मिलेगी ।

साधना के बल पर हम समाज में स्थित नकारात्मक शक्तियों से से लडकर हिन्दू राष्ट्र ला सकते हैं ! – अधिवक्ता कृष्णमूर्ती पी., कोडागू, कर्नाटक

अधिवक्ता कृष्णमूर्ति धर्मनिष्ठ अधिवक्ता हैं । उनका अखंड नामजप चलता है । यात्रा में वे प.पू. भक्तराज महाराजजी के भजन सुनते हैं । भजन सुनते-सुनते ‘यात्रा कब पूर्ण हुई’, यह समझ में ही नहीं आता ।

ईश्वर के प्रति भाव एवं निरपेक्षता से धर्मकार्य करनेवाले अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती का सूक्ष्म प्रयोग !

भजन सुनते समय उनकी आंखों में भावाश्रु आते हैं । धर्मकार्य के लिए वे अपने निजी खर्च कर विविध गांवों में जाकर हिन्दुत्वनिष्ठों की कानूनी सहायता करते हैं । उनका कार्य निरपेक्ष होता है ।