समष्टि कार्य की लगन रखनेवाले हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी (आयु ५५ वर्ष) सद्गुरु पद पर विराजमान !

गुरुकृपायोगानुसार साधना कर पू. नीलेश सिंगबाळजी ने सद्गुरु पद प्राप्त किया । इस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी और सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी की पत्नी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने उनका सम्मान किया ।

भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास में सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी एवं पू. मेनरायजी का जन्म होना…

सनातन के १४ वें संत सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का जन्मदिन श्रावण शुक्ल प्रतिपदा (२९ जुलाई २०२२) एवं ४६ वें संत पू. मेनरायजी का जन्मदिन श्रावण शुक्ल पंचमी (नागपंचमी, २ अगस्त २०२२) को है । जन्मदिन निमित्त सनातन परिवार की ओर से कोटि-कोटि प्रणाम !

वाराणसी में संस्कृत के विद्वान श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर हुए जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त

मूल वाराणसी के धर्माभिमानी एवं संस्कृत भाषा एवं धर्मशास्त्र के गहन अध्ययनकर्ता श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी (आयु ८० वर्ष) ने ९ जून २०२२ को ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने की घोषणा, देहली में उनके निवासस्थान पर की गई । यह घोषणा सनातन के संत पू. संजीव कुमार ने की ।

हलाल मांस का सेवन करने से हिन्दुओं की धर्मनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति न्यून होगी ! – पू. डॉ. युधिष्ठिरलाल महाराजजी, शदाणी दरबार

हिन्दू जनजागृति समिति, अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना और शदाणी सेवा मंडल, रायपुर के संयुक्त आयोजन में यहां के शदाणी दरबार तीर्थ में ‘हलाल प्रमाणपत्र – एक षड्यंत्र’ विषय पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया था ।

जयपुर, राजस्थान के शिवभक्त पू. वीरेंद्र सोनीजी (आयु ८७ वर्ष) का देहत्याग !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने ३० नवंबर २०२१ को पू. वीरेंद्र सोनीजी को संत घोषित किया था । श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा वर्ष २०१९ में की गई कैलास-मानसरोवर (मानस सरोवर) यात्रा के श्री. वारिद सोनी मार्गदर्शक थे ।

साधकों की आपातकाल में रक्षा होने हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत कृपावत्सल परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

‘दुर्भाग्य का भयावतार’, ‘जिसे नरक कहते हैं, क्या वह यही है ?’, जैसे शीर्षकों द्वारा वर्तमान समाज की स्थिति कितनी भयावह है, यह समझ में आता है ।

सनातन के दूसरे बालसंत पू. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर (आयु ३ वर्ष) को ज्ञात हुई परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की महानता !

एक बार पू. वामन (सनातन के दूसरे बालसंत पू. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर) ने सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी से कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी नारायण हैं । नारायण एक ‘तत्त्व’ है । वे तेजतत्त्व हैं । मैं उनके साथ बात नहीं कर सकता ।’’

दुःसाध्य रोग की वेदना सहते हुए ‘गुरुस्मरण, गुरुध्यान और गुरुभक्ति’ के त्रिसूत्रों का पालन कर संतपद प्राप्त करनेवाले पू. (स्व.) डॉ. नंदकिशोर वेदजी !

धन्य वे पू. डॉ. नंदकिशोर वेदजी, जिन्होंने ‘अति अस्वस्थ स्थिति में भी साधना कैसे कर सकते हैैं ?’, यह स्वयं के उदाहरण से साधकों को सिखाया और धन्य वे परात्पर गुरु डॉक्टरजी, जिन्होंने पू. डॉ. वेदजी जैसे संतरत्न दिए !

श्री विठ्ठल के प्रति भोला भाव रखनेवाले ईश्वरपुर (सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे संतपद पर विराजमान !

सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने आनंदित, हंसमुख और अपने भोले भाव से श्री विठ्ठलभक्ति में रमनेवाले ईश्वरपुर (इस्लामपुर, सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे (आयु ८९ वर्ष) के संत पद पर विराजमान होने की घोषणा की ।

सनातन के देवद आश्रम की सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी (आयु ४५ वर्ष) सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

     पनवेल (महाराष्ट्र) – तत्त्वनिष्ठा, आज्ञापालन, स्थिरता, नम्रता, अंतर्मुखता, समर्पणभाव से सेवा करना आदि अनेक गुणरत्नों का खजाना, मूलतः तिवरे (तालुका राजापुर, जिलहा रत्नागिरी) एवं वर्तमान में सनातन के देवद आश्रम में निवास कर रहीं सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी ६ मार्च को सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान हुईं । सनातन के … Read more