जयपुर, राजस्थान के शिवभक्त पू. वीरेंद्र सोनीजी (आयु ८७ वर्ष) का देहत्याग !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने ३० नवंबर २०२१ को पू. वीरेंद्र सोनीजी को संत घोषित किया था । श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा वर्ष २०१९ में की गई कैलास-मानसरोवर (मानस सरोवर) यात्रा के श्री. वारिद सोनी मार्गदर्शक थे ।

साधकों की आपातकाल में रक्षा होने हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत कृपावत्सल परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

‘दुर्भाग्य का भयावतार’, ‘जिसे नरक कहते हैं, क्या वह यही है ?’, जैसे शीर्षकों द्वारा वर्तमान समाज की स्थिति कितनी भयावह है, यह समझ में आता है ।

सनातन के दूसरे बालसंत पू. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर (आयु ३ वर्ष) को ज्ञात हुई परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की महानता !

एक बार पू. वामन (सनातन के दूसरे बालसंत पू. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर) ने सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी से कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी नारायण हैं । नारायण एक ‘तत्त्व’ है । वे तेजतत्त्व हैं । मैं उनके साथ बात नहीं कर सकता ।’’

दुःसाध्य रोग की वेदना सहते हुए ‘गुरुस्मरण, गुरुध्यान और गुरुभक्ति’ के त्रिसूत्रों का पालन कर संतपद प्राप्त करनेवाले पू. (स्व.) डॉ. नंदकिशोर वेदजी !

धन्य वे पू. डॉ. नंदकिशोर वेदजी, जिन्होंने ‘अति अस्वस्थ स्थिति में भी साधना कैसे कर सकते हैैं ?’, यह स्वयं के उदाहरण से साधकों को सिखाया और धन्य वे परात्पर गुरु डॉक्टरजी, जिन्होंने पू. डॉ. वेदजी जैसे संतरत्न दिए !

श्री विठ्ठल के प्रति भोला भाव रखनेवाले ईश्वरपुर (सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे संतपद पर विराजमान !

सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने आनंदित, हंसमुख और अपने भोले भाव से श्री विठ्ठलभक्ति में रमनेवाले ईश्वरपुर (इस्लामपुर, सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे (आयु ८९ वर्ष) के संत पद पर विराजमान होने की घोषणा की ।

सनातन के देवद आश्रम की सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी (आयु ४५ वर्ष) सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

     पनवेल (महाराष्ट्र) – तत्त्वनिष्ठा, आज्ञापालन, स्थिरता, नम्रता, अंतर्मुखता, समर्पणभाव से सेवा करना आदि अनेक गुणरत्नों का खजाना, मूलतः तिवरे (तालुका राजापुर, जिलहा रत्नागिरी) एवं वर्तमान में सनातन के देवद आश्रम में निवास कर रहीं सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी ६ मार्च को सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान हुईं । सनातन के … Read more

त्याग एवं निरपेक्षता जैसे विशिष्ट गुणों के कारण सनातन के ११७ वें संतपद पर विराजमान फोंडा (गोवा) की पू. (श्रीमती) सुधा सिंगबाळजी (आयु ८२ वर्ष) !

मूलत: सावईवेरे, गोवा की श्रीमती सुधा उमाकांत सिंगबाळजी सनातन के संत पू. नीलेश सिंगबाळजी की माताश्री और श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी की सास हैं । श्रीमती सुधा सिंगबाळजी पहले से ही धार्मिक एवं आतिथ्यशील वृत्ति की हैं ।

देहली के साधक दंपति श्री. संजीव कुमार (आयु ७० वर्ष) एवं श्रीमती माला कुमार (आयु ६७ वर्ष) सनातन के ११५ वें और ११६ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

इस दंपति ने एकत्रित रूप से साधना का आरंभ किया । वर्ष २०१७ में एक ही दिन इन दोनों का आध्यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत हुआ और आज के इस मंगल दिवस पर इन दोनों ने ७१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर एक ही दिन संतपद भी प्राप्त कर लिया है ।

जयपुर, राजस्थान के धर्माभिमानी और शिवभक्त श्री. वीरेंद्र सोनी (आयु ८६ वर्ष) संतपद पर विराजमान !

ऐसी हुई संतपद प्राप्ति की घोषणा !      ३० नवंबर २०२१ को श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने जयपुर यात्रा के समय श्री. वारिद सोनी (‘वारिद’ का अर्थ दक्ष) को संदेश दिया कि वे उनके परिजनों से मिलेंगी । दोपहर १२ बजे ‘उच्च कोटि के संत घर आएंगे’, इस विचार से सोनी परिवार ने … Read more

बुद्धि, उसकी निर्भरता एवं उत्पत्ति की सीमा

सर्वाेत्तम शिक्षा क्या है ? पू. डॉ. शिवकुमार ओझाजी (आयु ८७ वर्ष) ‘आइआइटी, मुंबई’ में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त प्राध्यापक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, संस्कृत भाषा इत्यादि विषयों पर ११ ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । उसमें से ‘सर्वाेत्तम शिक्षा क्या है ?’ नामक हिंदी ग्रंथ का विषय यहां प्रकाशित … Read more