वाराणसी में संस्कृत के विद्वान श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर हुए जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त

श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठीजी का सम्मान करते हुए पू. संजीव कुमारजी (दाईं ओर)

नई देहली – मूल वाराणसी के धर्माभिमानी एवं संस्कृत भाषा एवं धर्मशास्त्र के गहन अध्ययनकर्ता श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी (आयु ८० वर्ष) ने ९ जून २०२२ को ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने की घोषणा, देहली में उनके निवासस्थान पर की गई । यह घोषणा सनातन के संत पू. संजीव कुमार ने की । पू. संजीव कुमार के शुभहस्तों श्री. त्रिपाठीजी को पुष्पहार पहनाकर एवं शॉल, श्रीफल देकर सत्कार किया गया । इस अवसर पर उन्हें सनातन-निर्मित भगवान श्रीकृष्ण का चित्र भेंटस्वरूप दिया गया ।

इस कार्यक्रम के उपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने चल-दूरभाष द्वारा श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी का अभिनंदन किया । इस प्रसंग में श्री. विद्यावाचस्पति त्रिपाठी की पुत्रवधु एवं दो पोते भी उपस्थित थे ।