GlobalSpiritualityMahotsav : ‘हार्टफुलनेस’ के मार्गदर्शक कमलेशजी पटेल को ‘शांति तथा आस्था के वैश्विक राजदूत’ पुरुस्कार प्रदान किया गया !

एक समय था जब किसी व्यक्ति को पुरस्कार देने के मानदंड अतार्किक थे । समय में परिवर्तन हुआ है । आज सभी नागरिक पुरस्कार वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित हैं ।

प्रत्येक सेवा परिपूर्ण पद्धति से करनेवाली तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति दृढ श्रद्धा रखनेवालीं सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी !

सनातन संस्था से संपर्क होने पर मन में बिना कोई शंका लिए उन्होंने किस प्रकार सभी सेवाएं परिपूर्ण पद्धति से की, गुरुदेवजी से उनका पहली बार मिलना, उस समय उनके द्वारा अनुभव किए गए भावक्षणों, गुरुदेवजी की प्रति उनकी दृढ श्रद्धा तथा साधना करते समय उन्हें प्राप्त अनुभूतियां देखनेवाले हैं ।

बचपन से ही सात्त्विक वृत्ति एवं दैवी गुणों से युक्त कतरास (झारखंड) की सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता प्रदीप खेमकाजी (आयु ६३ वर्ष) !

माघ शुक्ल एकादशी (२०.२.२०२४) को पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी का ६३ वां जन्मदिवस है । इस उपलक्ष्य में उनके बचपन से लेकर अब तक की साधनायात्रा यहां दी गई है ।

अध्यात्म में उच्च स्तर पर होते हुए भी सभी में घुलमिलकर सभी को अपना बनानेवालीं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

सादगी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की एक विशेषता है । उसके साथ उनके खुले स्वभाव एवं सुंदर आचरण का संयोग हुआ है । इसके कारण उनके सान्निध्य में सभी को आनंद मिलता है ।

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने स्वयं मेरे व्यवसाय का भार लेकर मुझे साधना करने हेतु समय दिया’, ऐसा भाव रखनेवाले सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी 

सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर (आध्‍यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत) ने ११.१०.२०२१ को कतरास (झारखंड) के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें संत (समष्टि) पू. प्रदीप खेमकाजी तथा उनके परिवार के साथ भेंटवार्ता की । इस भेंटवार्ता से उनकी साधनायात्रा के कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं… ।

सनातन के कार्य को भर-भरकर आशीर्वाद देनेवालीं प.पू. भक्तराज महाराजजी की धर्मपत्नी प.पू. श्रीमती (स्व.) सुशीला दिनकर कसरेकरजी !

आयु के १७ वें वर्ष में विवाह होने के उपरांत उन्होंने जीवनभर प.पू. भक्तराज महाराजजी (प.पू. बाबा) जैसे उच्च कोटि के संत की गृहस्थी संभालने का कठिन शिवधनुष्य उठाया । प.पू. जीजी की साधना अत्यंत कठिन थी ।

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी द्वारा लिए जा रहे दैवी ‘भाववृद्धि सत्संगों’ की सद्गुरु द्वारा वर्णित महिमा !

आश्विन अमावस्या (२५.९.२०२२) को श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी का जन्मदिवस है । इस उपलक्ष्य में…

साधकों के आधारस्तंभ तथा धर्मकार्य की तीव्र लगन रखनेवाले सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ का आनंददायी सद्गुरु सम्मान समारोह !

उत्तर भारत में प्रतिकूल परिस्थिति होते हुए भी अत्यंत लगन से धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले, हिन्दुत्वनिष्ठों को प्रेमभाव से अपनानेवाले, विनम्र वृत्ति के हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळ के सदगुरुपद पर विराजमान होने की आनंदवार्ता २९.६.२०२२ एक भावसमारोह में घोषित की गई ।

वाई (जनपद सातारा) की पू. (श्रीमती) मालती नवनीतदास शहा (आयु ८३ वर्ष) के संतसम्मान समारोह का भाववृत्तांत !

मूल पुणे की तथा वर्तमान में वाई स्थित श्रीमती मालती नवनीतदास शहा (आयु ८३ वर्ष) सनातन की १२० वीं व्यष्टि संतपद पर विराजमान हुईं, सदगुरु स्वाती खाड्ये ने ४ अगस्त २०२२ को सभी को यह शुभ समाचार दिया । उपस्थित सभी ने इस समारोह के भावानंद को अनुभव किया ।

साधकों को अंतर्मुख कर उनकी व्यष्टि एवं समष्टि साधना को जोडकर निरंतर भावावस्था में रहनेवाले सनातन के ७५ वें समष्टि संत पू. रमानंद गौडा !

पू. रमानंद अण्णा साधकों के मन पर गुरुदेवजी की महानता अंकित करते हैं । ‘साधक मनुष्य जन्म को सार्थक करें’, इसलिए वे साधकों को निरंतर अंतर्मुख कर उनकी व्यष्टि एवं समष्टि साधना का नियोजन करके देते हैं । वे साधकों को निरंतर आनंदी एवं उत्साही रखते हैं ।