वर्ष २००८ के मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण की कथित आरोपी साध्वी प्रज्ञासिंह जब कारागार में थी, उस समय एक मुसलमान महिला ने उन पर कारागार में आक्रमण किया । इस अभियोग की सुनवाई के समय साध्वी प्रज्ञा सिंह के निर्दाेषत्व के विषय में बताते समय एक श्रद्धालु की न्यायालय में ही मृत्यु हुई; परंतु ये समाचार कहीं भी प्रकाशित नहीं हुए । मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण के संदिग्ध आरोपियों के छूट जाने के उपरांत ‘हिन्दुओं को आतंकवादी प्रमाणित करने के लिए कांग्रेस ने किस प्रकार षड्यंत्र रचा’, यह स्पष्ट करने के लिए वर्ष २०१२ में हमने पत्रकार परिषद ली । इस पत्रकार परिषद का समाचार समाचार-वाहिनियों पर दिखाया नहीं गया; परंतु इसके विपरीत हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा बमविस्फोट किए जाने के अनेक झूठे समाचार प्रकाशित हुए ।
इस प्रकार से हिन्दूविरोधी ‘नैरेटिव’ फैलाया जा रहा है । उसके विरुद्ध हमें एकत्रित लडना होगा । अधिवक्ता एक योद्धा होता है । अधिवक्ता यदि हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ दृढता के साथ खडे रहते हैं, तब हिन्दुत्व के लिए कार्य करनेवालों का उत्साह बढता है । अब कर्नाटक, गोवा, उत्तर प्रदेश, इन राज्यों में हिन्दुत्व के लिए कानूनी सहायता करनेवाले अधिवक्ता तैयार हो चुके हैं । हमें हिन्दुत्व की समान विचारधारा से आगे बढना होगा । यह कार्य करते समय हमें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है; क्योंकि भगवान हमारे साथ हैं ।