‘राष्ट्रध्वज का सम्मान हो’ इस विषय पर पाठशाला में विद्यार्थियों का प्रबोधन

इसका लाभ ९०० बच्चों और २८ शिक्षकों ने लिया । इस अवसर पर क्रांतिकारियों की और धर्मशिक्षा प्रदान करनेवाले फ्लेक्स की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका लाभ पाठशाला के विद्यार्थियों व शिक्षकों ने लिया ।

राष्ट्रध्वज छपे हुए उत्पाद बेचनेवालों पर सरकार कार्यवाही करे ! – राष्ट्रप्रेमियों की मांग

विविध माध्यमों से राष्ट्रध्वज के होनेवाले अपमान को रोकने के लिए सरकार कठोर कार्यवाही करे । इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा बिहार के मुजफ्फरपुर तथा हाजीपुर में तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जिलाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन दिया गया ।

भावी भयंकर आपातकाल के संकट को पहचानकर परिवार के लिए आवश्यक वस्तुएं अभी खरीदकर रखें !

आपातकाल में अन्न, पानी, औषधि, ईंधन आदि समय पर उपलब्ध होना कठिन होता है । आपातकाल में परिवार के लिए आवश्यक नित्योपयोगी तथा प्रासंगिक वस्तुओं का अभाव होता है । आपातकाल की दृष्टि से उपयुक्त वस्तुएं खरीदना सरल हो, इस हेतु यहां विभिन्न वस्तुओं की सूची दी है ।

युवको, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी ग्रंथनिर्मिति का ध्वज फहराता रहे, इसलिए ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित हों !

ग्रंथसेवा श्रेष्ठ ज्ञानशक्ति के स्तर की सेवा है । इसलिए शीघ्र आध्यात्मिक प्रगति करानेवाली भी है । इसलिए युवको, अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित होकर इस सुवर्ण अवसर का लाभ लो !

नम्र, मृदूभाषी एवं साधकों की प्रेमपूर्वक चिंता करनेवाले सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी !

हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी का निवास वाराणसी सेवाकेंद्र में है । वहां के साधकों को सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी से सीखने मिले सूत्र एवं उन्हें हुईं अनुभूतियां आगे दी गई हैं ।

पांच कोश और चार देहोंका संबंध

अध्यात्मशास्त्रमें अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय, ये पांच कोश बताये हैं । स्थूलदेह, सूक्ष्मदेह, कारणदेह औेर महाकारणदेह, ये चार देह बताये हैं ।

दु:खद निधन

सनातन संस्था की साधिका श्रीमती उषा रखेजा के पति श्री. श्यामलाल रखेजा ७७ के थे । उनका ९ अगस्त २०२३ को बीमारी के कारण दु:खद निधन हुआ ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘ऐसा प्रतीत होना कि पुनः जन्म ही न हो अथवा यह कि भक्ति करने के लिए बार-बार जन्म हो, ये दोनों ही स्वेच्छा है । इससे आगे का चरण है, ऐसा लगना कि सब कुछ ईश्वर की इच्छा के अनुसार हो !’

मुस्लिम समुदाय को इस ऐतिहासिक चूक को स्वीकार कर लेना चाहिए !

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट कथन !
ज्ञानवापी में त्रिशूल क्यों ? यह प्रश्न भी पूछा !

पादरी बोलमेक्स पेरेरा ने चर्च में प्रार्थना में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करनेवाला विधान करने का प्रकरण

पादरी पेरेरा के विधान पर राज्य के शिवप्रेमियों ने बडी संख्या में ४ अगस्त को वास्को पुलिस थाने तक मोर्चा निकाला एवं पादरी परेरा को गिरफ्तार करने की मांग की ।