पाठकों, शुभचिंतकों और धर्मप्रेमियों से विनम्र निवेदन तथा साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना !

पितृपक्ष में पितृलोक, पृथ्‍वीलोक के सर्वाधिक निकट आने से इस काल में पूर्वजों को समर्पित अन्‍न, जल और पिंडदान उन तक शीघ्र पहुंचता है । उससे वे संतुष्‍ट होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं ।

दु:खद निधन

सनातन संस्था की साधिका श्रीमती उषा रखेजा के पति श्री. श्यामलाल रखेजा ७७ के थे । उनका ९ अगस्त २०२३ को बीमारी के कारण दु:खद निधन हुआ ।

साधको, सनातन के कार्य में योगदान देंगे ऐसे जिज्ञासु एवं शुभचिंतक साधना का आनंद अनुभव कर पाएं, इसलिए उन्हें साधना की अगली दिशा दें !

साधको, ‘सनातन से जुडे पाठक, शुभचिंतक एवं जिज्ञासुओं को साधना की उचित दिशा देकर समष्टि साधना करो और समाज ऋण से मुक्त हों !’

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ हेतु धनस्वरूप में अर्पण देकर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

इस वर्ष १६ से २२ जून २०२३ की समयावधि में रामनाथी, गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ (एकादश अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’) का आयोजन किया गया है । अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, सिंगापुर, बैंकॉक, अमेरिका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, हौंगकौंग, इंग्लैंड, मलेशिया आदि देश-विदेशों के प्रतिनिधि सहभागी होनेवाले हैं ।

पेड-पौधों को अत्यधिक पानी डालना टालें !

‘केवल पानी देने का समय हो गया; इसलिए पेड-पौधों को प्रतिदिन पानी डाल दिया, ऐसा न करते हुए पेड-पौधों एवं मिट्टी का निरीक्षण कर आवश्यकता होने पर ही पानी दें ।

साधना में स्थूल स्तर की चूकें बताने का महत्त्व !

‘साधना में मन के स्तर पर होनेवाली अनुचित विचार-प्रक्रिया अधिक बाधक होती है । अंतर्मुखता के अभाव के कारण साधक को अपनी चूकें समझ में नहीं आतीं तथा वे चूकें मन के स्तर की चूकें होने के कारण अन्यों के ध्यान में भी नहीं आतीं ।

साधकों में व्यष्टि एवं समष्टि साधना के प्रति गंभीरता बढाने के लिए उत्तरदायी साधक सभी साधकों के व्यष्टि लेखन का ब्योरा लें !

‘अब आपातकाल की तीव्रता प्रतिदिन बढती जा रही है । उसके कारण सभी साधकों की व्यष्टि एवं समष्टि साधना नियमित होनी चाहिए ।