अक्षय तृतीया के पर्व पर ‘सत्पात्र को दान’ देकर ‘अक्षय दान’ का फल प्राप्त करें !
‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है ।