अध्यात्म का महत्त्व वैज्ञानिक शोधों से भी सिद्ध हो चुका है ! – शॉन क्लार्क

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा आध्यात्मिक विषयों का विशिष्टतापूर्ण वैज्ञानिक शोध किया जाता है । ‘यूनिवर्सल ऑरा’ एवं ‘एनर्जी स्कैनर’ जैसे उपकरणों की सहायता से किया हुआ यह शोध प्राचीन भारतीय शिक्षा के अनुरूप है ।

पलवल (हरियाणा) अज्ञात लोगों ने मस्जिद में तोड-फोडकर लगाई आग !

मुसलमान स्वयं ही मस्जिदों पर आक्रमण कर वातावरण बिगाडने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसा स्थानीय लोगों का आरोप !

नूंह के कट्टरपंथियों की हिंसा के प्रकरण में ११६ लोगों को बंदी बनाया !

पुलिस ने अब तक ४१ अपराध प्रविष्ट कर ११६ लोगों को बंदी बनाया है । अन्य ९० लोगों को ढूंढा जा रहा है । 

विहिप के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का सर्वोच्च न्यायालय की मनाही !

इससे ध्यान में आता है कि मुसलमान दांवपेंच में कितने निपुण हैं ! अब ऐसी घटनाओं पर धर्मनिरपेक्षतावादी राजनीतिक पार्टियां हिन्दुओं को तालिबानी कहकर उन पर कठोर कार्यवाही करने की मांग करेंगे !

भारतीय संविधान में सर्वधर्म समभाव की परिभाषा ही नहीं ! – अधिवक्ता सुभाष झा, सर्वाेच्च न्यायालय

वर्ष १९४७ में धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ । मुसलमान बहुसंख्यक थे; इसलिए उन्हें पाकिस्तान दिया । तो फिर जो बचे वे क्या थे ?

आतंकवाद का नया स्वरूप !

जिहादी भारत को ‘गजवा-ए-हिन्द’ बनाने के लिए वे अलग-अलग षड्यंत्र रच रहे हैं तथा दुर्भाग्यवश वे सफल भी हो रहे हैं । इसलिए हिन्दुओं का भविष्य संकट में है । उन्हें न पुलिस बचा सकती है, न प्रशासन, न राजनेता । नूंह जैसी घटनाएं ऐसे ही घटती रहीं, तो हिन्दुओं को अल्पसंख्यक बनने में समय नहीं लगेगा ।

सनातन संस्था द्वारा फरीदाबाद में वृक्षारोपण उपक्रम संपन्न

वातावरण में बढे प्रदूषण को नियंत्रण में रखने और स्वच्छ वायु प्रदान करने के उद्देश्य से वृक्षारोपण आवश्यक है । वृक्षारोपण के महत्त्व को समझते हुए प्रत्येक व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए । इस उपक्रम के अंतर्गत छायादार वृक्ष लगाए गए ।

फ्रांस संरक्षण करार में पुन: ‘राफेल’ लढाऊ विमान ही क्यों ?

‘भारत-फ्रांस संरक्षण करार भारत के लिए कूटनीति की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है । फ्रांस का राष्ट्रीय दिन अर्थात ‘बास्तील दिवस’ १४ जुलाई को होता है । यह दिन १४ जुलाई १७८९ को फ्रांस में हुई ‘क्रांति का स्मरण’ के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है ।

समान नागरिक कानून एवं ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की द्वेषपूर्ण भूमिका !

सभी जानते हैं, ‘समान नागरिक कानून के माध्यम से देश के लगभग १० करोड मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, आर्थिक एवं अन्य परिस्थिति का सक्षमीकरण हो सकता है ।’

मणिपुर हिंसाचार : एक षड्यंत्र !

३३ लाख जनसंख्यावाले मणिपुर में ५० प्रतिशत से कुछ अधिक हिन्दू, ४४ प्रतिशत ईसाई एवं अन्य सब मुसलमान तथा बौद्ध हैं । मणिपुर में वर्तमान में नागरिक युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई है तथा बडी संख्या में लोग भ्रमित अवस्था में हैं ।