जब चलचित्र पूर्ण देश में प्रदर्षित हुआ है तो बंगाल में क्यों नहीं? – सर्वोच्च न्यायालय से फटकार

हिन्दुओं को बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कड़गम (द्रविड प्रगति संघ) को एक राजनीतिक सबक सिखाने की नितांत आवश्यकता है, क्यों की वे केवल हिन्दू देश में हिन्दुओं के उपर होनेवाले अत्याचारों को उजागर करने वाले चित्रपट पर प्रतिबंध लगाते हैं !

(ये कहते हैं !) ‘ईसाई धर्म प्रचारकों के धर्म प्रचार में कुछ भी अवैध नहीं है!’

ईसाई धर्म प्रचारकों ने यह भी दावा किया कि वे कुछ भी अवैध नहीं कर रहे हैं !

न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने पर भी रामनवमी के जुलूस के लिए चेन्नई पुलिस ने अनुमति नहीं दी !

रामनवमी के उपलक्ष में जुलूस निकालने के लिए हिंदुत्वनिष्ठ संगठन को न्यायालय ने अनुमति देने पर भी पुलिस ने अनुमति नकार दी ।

द्रमुक सरकार की ओर से एक मंदिर में धार्मिक परिषद के आयोजन पर प्रतिबंध !

तमिलनाडु की द्रमुक सरकार का हिन्दूद्वेष ! तमिलनाडु में द्रमुक सरकार के सत्ता में आने के दिन से हिन्दू विरोधी कार्यवाहियां बढी हैं । प्रभावी हिन्दू संगठन द्वारा ही इसे रोकना संभव है !

द्रमुक के नगरसेवक एवं उनके सहायक की पिटाई से सैनिक की मौत !

सत्ताधारी पार्टी के नगर सेवक के इस कृत्य से राज्य में कानून एवं सुव्यवस्था की स्थिति ध्यान में आती है ! ऐसे जन प्रतिनिधि वाले द्रमुक पर प्रतिबंध लाना ही होगा !

तमिलनाडु के ऐतिहासिक अरुणाचलेश्वर मंदिर में देवता की मूर्ति के चेहरे पर लगाया सीसीटीवी कैमरा !

क्या ऐसा साहस द्रमुक सरकार ने चर्च अथवा मस्जिद में किया होता ? प्राचीन स्मारकों को हानि पहुंचाने के कारण सरकार के विरोध में अपराध प्रविष्ट कर संबंधित लोगों को दंड होने के लिए हिन्दुओं को प्रयास करना आवश्यक है !

कोईंबतूर (तमिलनाडू) के मंदिर के पास हुए विस्फोट के पीछे आतंकियों का हाथ होने के संदेह को लेकर पूछताछ

कोईंबतूर में कोट्टई ईश्वरम् मंदिर के पास २३ अक्टूबर को एक चौपहिया वाहन में हुए विस्फोट में क्या आतंकियों का हाथ हो सकता है ?, इस दिशा में तमिलनाडू पुलिस जांच कर रही है ।

हिन्दूद्वेषी वक्तव्य देने के कारण सांसद ए. राजा के विरुद्ध बंद का आवाहन

ए. राजा सत्ताधारी पार्टी के सांसद होने तथा उनके हिन्दूद्वेषी वक्तव्य के कारण पुलिसकर्मियों ने उन पर कार्यवाही नहीं की; परंतु यदि उन्होंने अन्य धर्मियों के विरुद्ध कुछ कहा होता, तो अवश्य ही कार्यवाही होता, इससे यही ध्यान में आता है !

तमिलनाडु के सत्ताधारी द्रमुक के सहायक पक्ष की ओर से तमिलनाडु को भारत से अलग करने की घोषणा !

द्रमुक के सत्ता में आने के दिन से तमिलनाडु के अलगाववादी और हिन्दू विरोधी अभियानों को गति मिली है और इसे सरकार की ओर से समर्थन मिल रहा है, यह भी उतना ही सत्य है !

चेन्नई में ईसाई विद्यालय के छात्रावास में रहने वाली हिन्दू छात्राओं को धर्मपरिवर्तन के लिए सताया !

स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवाने वाली द्रमुक सरकार नास्तिक न होकर ईसाइयों की चमचागीरी करने वाली और हिन्दू विरोधी सरकार है, यही इससे ध्यान में आता है !