तमिलनाडु के सत्ताधारी द्रमुक के सहायक पक्ष की ओर से तमिलनाडु को भारत से अलग करने की घोषणा !

सनातन धर्म के विरोध में अभियान चलाएंगे !

(द्रमुक अर्थात द्रविड मुन्नेत्र कळघम् अर्थात द्रविड प्रगति संघ)

चेन्नई ( तमिलनाडु ) – तमिलनाडु के सत्ताधारी द्रमुक पक्ष का समर्थन करने वाला ‘विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची’ अर्थात ‘वीसीके’ के नेता ने तमिलनाडु को भारत से अलग करने की घोषणा की है । ‘वीसीके’ के उपमहासचिव वन्नी अरासू का अगस्त में एक जनसभा को संबोधित करते समय का वीडियो राज्य के भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किया है । साथ ही राज्य की एम.के. स्टलिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु की सरकार पर आरोप लगाया है कि, ऐसे वक्तव्य करने वालों पर कार्यवाही करना छोडकर सरकार उन्हें प्रोत्साहन दे रही है ।

१. इस वीडियो में अरासू कहते हुए दिख रहे है कि, भारत से राज्य को अलग करने का अभियान १७ अगस्त से चालू कर अगले वर्ष १७ अगस्त तक इस आंदोलन का विस्तार किया जाएगा । इस कालावधि में हम सनातन धर्म के विरोध में विविध गांवों में प्रचार करेंगे । युवकों को आंदोलन से जोडेंगे । पेरियार और बाबासाहेब आंबेडकर  के विषय में जानकारी देंगे । सनातन धर्म के विरोध में हमें अपने प्राण भी गंवाने पडे, तो भी हमें इसका कोई दुख नहीं ।

२. इस वक्तव्य पर भाजपा ने कार्यवाही करने की मांग की है । राज्य के भाजपा सचिव एस.जी.सूर्या ने कहा कि, आंबेडकर ने कभी भी अलगाववाद का समर्थन नहीं किया । उन्होंने देश को जोडने का काम किया । उन्होंने संविधान लिखा । वीसीके पक्ष हमेशा ही इस प्रकार के वक्तव्य करता रहता है; परंतु सनातन धर्म के विरोध में अरासू द्वारा किया गया वक्तव्य अत्यधिक निंदनीय है । मुख्यमंत्री स्टलिन् को इस वक्तव्य पर अपनी भूमिका बतानी चाहिए, साथ ही अरासू के विरोध में कठोर कार्यवाही होना आवश्यक है ।

३. दूसरी ओर ‘वीसीके’ पक्ष के प्रवक्ता विक्रमन् ने अरासू का बचाव किया है । उन्होंने कहा कि, अरासू के वक्तव्य का गलत अर्थ लगाया जा रहा है । उनका कहना था कि, देश के अन्य राज्यों की तुलना में तमिलनाडु द्वारा प्राप्त की गई सफलता अधिक बडी है । सनातन धर्म पर कीचड फेंकने की बात पर विक्रमन् ने कहा कि, कोई भी राजनीतिक पक्ष जो सामाजिक न्याय और समानता का प्रसार करता है, वह ऐसे वक्तव्यों का हमेशा ही विरोध करेगा ! (हवा में महल बनाने की कहावत को चरितार्थ करने वाला हिन्दूविरोधी ‘वीसीके‘ पक्ष ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • द्रमुक के सत्ता में आने के दिन से तमिलनाडु के अलगाववादी और हिन्दू विरोधी अभियानों को गति मिली है और इसे सरकार की ओर से समर्थन मिल रहा है, यह भी उतना ही सत्य है !
  • खालिस्तानवादियों की ओर से अलग से खालिस्तान की, धर्मांध मुसलमानों द्वारा ‘इस्लामिस्तान’ की, तो ईसाइयों की ओर से पूर्वोत्तर राज्यों को ईसाई राष्ट्र बनाने की भाषा बोली जाती है और इसके लिए उनके पास इसकी योजना भी तैयार होने की बात सामने आई है । अब तमिलनाडु में भी अलगाववाद का विष घोला जा रहा है । यह सब रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !