न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने पर भी रामनवमी के जुलूस के लिए चेन्नई पुलिस ने अनुमति नहीं दी !

चेन्नई – रामनवमी के उपलक्ष में जुलूस निकालने के लिए हिंदुत्वनिष्ठ संगठन को न्यायालय ने अनुमति देने पर भी पुलिस ने अनुमति नकार दी । इस कारण हिंदुओं में रोष की भावना है ।

शहर में रामनवमी के उपलक्ष्य में जुलूस निकालने के लिए हिंदुत्वनिष्ठ संगठन ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ ने २८ फरवरी के दिन चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था । इस विषय में १५ दिनों उपरांत भी कुछ भी उत्तर न मिलने से ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ ने अनुमति के लिए न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की । २८ मार्च ,२०२३ के दिन इस पर सुनवाई हुई । ‘जुलूस का मार्ग मुसलमान बाहुल्य क्षेत्र से होकर जाने के कारण कानून और सुरक्षा व्यवस्था का प्रश्न खड़ा हो सकता है । इस कारण जुलूस को अनुमति न दें’, ऐसा तर्क पुलिस की ओर से न्यायालय में किया गया । न्यायालय ने इस तर्क को स्वीकार किया; लेकिन जुलूस के लिए पर्यायी मार्ग को अनुमति देने का आदेश दिया । इस पर ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ ने पर्याय मार्ग स्वीकार किया और अनुमति देने की प्रार्थना चेन्नई पुलिस आयुक्त के पास सुधारित प्रार्थना पत्र द्वारा की । तो भी ३० मार्च ,२०२३ के दिन जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई । ‘तमिलनाडु की द्रमुुक सरकार के राजकीय दबाव में न्यायालय के आदेश की अनदेखी कर चेन्नई पुलिस ने जुलूस निकालने की अनुमति नकार दी’, ऐसा कहा जा रहा है । (राज्यकर्ताओं के पैरों की जूती बनी पुलिस कानून और सुरक्षा व्यवस्था क्या रखेगी ? – संपादक) इस प्रकरण में पुनः न्यायालय जाने का निर्णय ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ ने लिया है । साथ ही ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ ने ३० मार्च, २०२३ के दिन सरकार और पुलिस के विरोध में प्रदर्शन किए ।

संपादकीय भूमिका

  • न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने वाली कानून विरोधी पुलिस पर कठोर कार्यवाही करना आवश्यक !
  • हिन्दूद्वेषी द्रमुक राज्य की पुलिस की ओर से और अलग अपेक्षा क्या करेंगे ?