(और इनकी सुनिए…) ‘डेंग्यू, मलेरिया, कोरोना की भांति ही सनातन धर्म को भी नष्ट करना है !’ –  उदयनिधि

तमिलनाडू में सनातन निर्मूलन परिषद का आयोजन किया जाता है तथा उसमें राज्य के मंत्री उपस्थित रहते हैं, क्या यही उनकी धर्म निरपेक्षता है ? संविधान के सच्चे रक्षक होने का कहनेवाले राजनीतिक दलों को क्या यह स्वीकार है ?

सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए ‘ इंडिया ‘ गठबंधन की स्थापना की गई है !

यह सर्वविदित है कि द्रमुक सनातन द्वेषी है तथा इसका जन्म ही सनातन द्वेष की भावना से हुआ है | इसमें कोई संदेह नहीं कि आगामी चुनाव में सनातन धर्मावलंबी ऐसे गठबंधन को राजनीतिक रूप से नष्ट कर देंगे ! यह एक बार पुन: सिद्ध हो जाएगा कि जो लोग सनातन को नष्ट करने की वार्ता करते हैं वे स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं !

(और इनकी सुनिए…) ‘सनातन धर्म के विरुद्ध आगे २०० वर्ष तक बोलते रहेंगे !’ – उदयनिधि स्टालिन

सहस्रों वर्षों से असुर एवं कुछ शतक मुगलों ने सनातन धर्म नष्ट करने का प्रयास किया; परंतु सनातन धर्म आज भी जीवित है, तथा उसे नष्ट करनेवाले स्वयं ही नष्ट हुए हैं, यही दुहराते रहनेवाला है !

(और इनकी सुनिए…) ‘उदयनिधि का हेतु धर्म एवं परंपरा को आहत करने का नहीं था !’ – तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन

उदयनिधि का दल (द्रमुक) हिन्दू धर्म विरोधी है, उसकी विचारधारा ऐसी ही है, यह बात विश्व जानता है । इसलिए उदयनिधि का वक्तव्य सनातन धर्म के विरुद्ध ही है, इसमें किसी को संदेह नहीं है !

(और इनकी सुनिए… ) ‘सनातन धर्म का अर्थ है एच.आई.वी. एवं कुष्ठ रोग !’ – डी.एम.के सांसद ए. राजा

डी.एम.के. नेता जानबूझकर दलितों एवं पिछडे वर्ग के पारंपरिक मत प्राप्त करने के लिए ऐसी अश्लाघ्य आलोचना कर रहे हैं, धार्मिक हिन्दुओं को संगठित होकर वैधानिक मार्ग से इसका विरोध करना चाहिए !

(और इनकी सुनिए… ) ‘सनातन धर्म समाप्त होना चाहिए’, मैं सदैव ऐसा कहूंगा !’ – उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन आज भी  के सनातन धर्म को नष्ट करने वाले वक्तव्य पर स्थिर हैं ।

तमिलनाडू में प्रशासन द्वारा भाजपा के कार्यालय से ‘भारतमाता’ की प्रतिमा हटाई गई !

प्रशासन ने बताया कि अनुमति न मिलने के कारण प्रतिमा हटाई गई है !

(…. और इनकी सुनिए) ‘समान नागरी कानून प्रथम हिन्दू धर्म पर लागू करें !’ – द्रमुक के नेता टी.के.एस्. एलंगोवन

स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवानेवाले द्रमुकवालों से इससे भिन्न और क्या अपेक्षा की जा सकती है ?

तमिलनाडु के उर्जामंत्री सेंथिल बालाजी को बंदी बनाए जाने पर उनकी छाती दुखने लगी !

कारागार जाने से बचने के लिए बंदी बनाए जाने पर राजनेताओंको प्रायः होनेवाला रोग ! ऐसे लोगोंपर दया नहीं, कार्यवाही होनी चाहिए !

(अब इनकी सुनिए) ‘दर्शकों द्वारा अल्प प्रतिसाद मिलने से सिनेमा हॉल के मालिकों ने चलचित्र हटाया !’

सरकार का कहना है कि यह चलचित्र १९ मल्टिप्लेक्स में प्रदर्शित हुआ था । चलचित्र पर प्रतिबंध लगाए जाने के संदर्भ में याचिकाकर्ताओं ने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है ।