सनातन आश्रम (रामनाथी, फोंडा), गोवा - परशुराम भूमि गोमंतक में सनातन के आश्रम में, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थयात्रा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी का भावपूर्ण वातावरण में स्वागत किया गया । ३० नवंबर की दोपहर को उन्होंने सनातन के आश्रम में सद्भावना भेंट की । इस अवसर पर सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी, ‘सनातन प्रभात’ मीडिया के पूर्व समूह संपादक पू. पृथ्वीराज हजारेजी, सनातन संस्था के प्रबंध न्यासी श्री. वीरेन्द्र मराठे, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस और आश्रम के संतगण एवं साधक उपस्थित थे ।
आश्रम आगमन के समय सनातन के ६६ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के साधक श्री. विनायक आगवेकर द्वारा प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी को कुमकुमतिलक किया गया तथा ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर की साधिका श्रीमती मंजिरी विनायक आगवेकर ने उनकी आरती उतारी । प.पू. स्वामीजी के आगमन से आश्रम का वातावरण भावुक हो गया । सनातन के साधक श्री. अभिषेक पै द्वारा स्वामीजी को सनातन के आश्रम में चल रही राष्ट्र, धर्म, संगीत, कला, आध्यात्मिक अनुसंधान आदि की विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ स्वभावदोष निवारण की प्रक्रिया और आश्रम क्षेत्र के मंदिरों के बारे में भी जानकारी दी गई । इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस भी उपस्थित थे । इस मंगल अवसर पर पू. पृथ्वीराज हजारेजी ने प.पू. स्वामीजी का सनातन आश्रम की ओर से सम्मान किया । इस समय मुंबई के भारताचार्य धर्मभूषण पू. प्रा. सु.ग. शेवडजी ने आश्रम में प.पू. स्वामीजी से मिलकर हिन्दू धर्म की वर्तमान स्थिति के विषय में चर्चा की । इससे पहले मार्च २०१४ में प.पू. स्वामीजी के चरण आश्रम में लगे थे ।
१. आश्रम देखते और कला के विषय में जानकारी लेते समय प.पू. स्वामीजी ने सूक्ष्म जगत संबंधी प्रदर्शनी उत्सुकता से देखते हुए कहा, ‘आपकी कला भगवान को समर्पित हो, तो वह धन्य हो जाती है ।’
२. आश्रम के अन्नपूर्णा कक्ष (रसोईघर) में अन्नपूर्णादेवी की मूर्ति देखकर उन्हें वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के अन्नपूर्णादेवी मंदिर की अपनी यात्रा स्मरण हो आई ।
३. यह जानने के बाद कि साधक स्वयं भोजनकक्ष में फलक पर अपनी गलतियां लिखते हैं, प.पू. स्वामीजी ने बहुत सराहना की ।
४. आश्रम में श्रीराम शालिग्राम देखने के बाद, जिसे महर्षि के आदेश से आश्रम परिसर में स्थापित किया गया, प.पू. स्वामीजी बहुत प्रसन्न हुए ।
प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की मंगल भेंट !आश्रम में प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की मंगल भेंट हुई । इस दौरान संतद्वयी के बीच आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा हुई । इस अवसर पर प.पू. स्वामीजी ने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को माला और वस्त्र देकर अत्यंत सम्मान के साथ उनका अभिनंदन किया । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की प्राणशक्ति भले ही कम हो, परंतु उनके पूज्य स्वामीजी के प्रति विशेष स्नेह के कारण उन्होंने उनसे भेंट की । |
प.पू. स्वामीजी का सनातन आश्रम की ओर से भावपूर्ण सम्मान
‘सनातन प्रभात’ पढने से मुझे भी प्रेरणा मिलती है ! – प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजीआश्रम में ‘सनातन प्रभात’ के प्रधान कार्यालय का भी प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी ने निरीक्षण किया । उन्हें सनातन प्रभात के कार्यों की जानकारी दी गई । ‘सनातन प्रभात’ पढने से मुझे भी प्रेरणा मिलती है । आप अच्छा काम कर रहे हैं ।’ यह कहकर उन्होंने इसके बारे में सराहना की । इस शुभ अवसर पर ‘सनातन प्रभात’ मीडिया के समूह संपादक श्री. योगेश जलतारे द्वारा प.पू. स्वामीजी को श्रीरामलला प्रतिष्ठान के अवसर पर जनवरी २०२४ में प्रकाशित ‘सनातन प्रभात’ का विशेषांक उपहार में दिया गया । ‘प.पू. स्वामीजी की आयु ७५ वर्ष होते हुए भी उन्होंने भूमि पर बैठकर महाप्रसाद ग्रहण किया । आश्रम का अवलोकन करते समय प.पू. स्वामीजी अत्यंत सहज स्थिति में थे । उनके व्यवहार और बातों में कहीं भी ऐसा भाव नहीं था कि वे कोई बडे हैं ।’ वे सभी साधकों से अत्यंत स्नेहपूर्वक बात कर रहे थे ।’ – श्री. अभिषेक पै, सनातन आश्रम अपने आचार, विचार, मनन, चिंतन, साधना, तत्त्वज्ञान, कथा के माध्यम से हिन्दुओं में अज्ञान के अंधकार को दूर कर उनके भीतर धर्म का तेज उत्पन्न करने के लिए पिछले ७५ वर्षों से दिव्य ज्योति की तरह प्रकाशित ऋषि तुल्य व्यक्तित्ववाले महान प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी के चरणों में‚ ‘सनातन प्रभात’ प्रसारमाध्यम समूह द्वारा कोटि-कोटि वंदन ! क्षणिका : विधायक प्रवीण आर्लेकर ने मोपा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पूज्य स्वामीजी का स्वागत किया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे उपस्थित थे । |