Prayagraj Kumbh Parva 2025 : कुंभ क्षेत्र पदयात्रा में गूंजी हिन्दू राष्ट्र की हुंकार !

प्रयागराज कुंभपर्व २०२५

  • हिन्दू राष्ट्र पदयात्रा के कारण प्रयागराज में भगवामय हुआ वातावरण !

  • हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणा स्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति !

हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणा स्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति !

प्रयागराज, २३ जनवरी (वार्ता) – २२ जनवरी २०२५ को अयोध्या में श्री रामलला की स्थापना समारोह के एक वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर, हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर यहां ‘हिन्दू राष्ट्र पदयात्रा’ का आयोजन किया गया । इसके माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की गर्जना पूरे कुंभ क्षेत्र में गूंज उठी ।

पदयात्रा दोपहर २.४५ बजे सेक्टर १९ स्थित मोरी-मुक्ति मार्ग चौक से आरंभ हुई । इस पदयात्रा में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के प्रेरणास्रोत तथा सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी एक विशेष रथ में विराजमान थे । इस अवसर पर महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के सद्गुरु डा. मुकुल गाडगीळजी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्वोत्तर भारत मार्गदर्शक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, सनातन संस्था के धर्म प्रचारक पू. प्रदीप खेमकाजी और उनकी पत्नी पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी उपस्थित थीं । इसके साथ ही अनेक आध्यात्मिक संगठन, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता, हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता और श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस पदयात्रा में सम्मिलित हुए ।

प्रारंभ में यहां सनातन ग्रन्थ प्रदर्शनी स्थल पर वाराणसी के स्वामी करपात्रीजी महाराज, ‘धर्मसंघ शिक्षण मंडल’ के महासचिव श्री. जगजीतन पंड्याजी के हाथों धार्मिक ध्वज की पूजा की गई । श्री. जयेश कपशिकर ने इसका पौरोहित्य किया । इसके पश्चात यहां से आरंभ हुई पदयात्रा संगम लोअर मार्ग, काली मार्ग, मोरी रोड होते हुए पुनः मोरी-मुक्ति चौक पर समाप्त हुई । इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समन्वयक श्री. सुनील घनवट और उत्तर प्रदेश और बिहार के हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी भी उपस्थित थे ।

पदयात्रा से कुंभ मेला भगवा रंग में रंगा !

पूरा कुंभ मेला पदयात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं द्वारा पहने गए भगवा वस्त्रों, हाथों में लिए गए भगवा झंडों और आकाश में गूंजते हिन्दू राष्ट्र के नारों से भगवामय हो गया था । इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने ‘जय श्री राम’, ‘हिन्दू राष्ट्र की जय हो’, ‘लाना होगा लाना होगा, हिन्दू राष्ट्र लाना होगा’, ‘जो हिन्दुओं के हित में काम करेगा वही देश पर राज करेगा’, ‘हर हर महादेव’, ‘जय मां गंगे’.’ आदि उत्स्फूर्त उद्घोषणाएं हुईं । यह पदयात्रा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का प्रमाण सिद्ध हुई ।

Hindu Rashtra Padyatra by Hindu Janajagruti Samiti | Uniting Hindus at #Mahakumbh2025 ‪@hindujagruti‬

महाकुंभ क्षेत्र में हुई हिन्दू राष्ट्र की घोषणा ।

सम्पूर्ण विश्व में होगी कल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ।

हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की पुष्पमाला से सजी प्रतिमा !
सड़क के दोनों ओर संत और भक्तगण प्रतिमा को नमन कर रहे थे !
हिन्दू एकता की प्रतीक पदयात्रा में भाग लेकर उत्स्फूर्तता से ‘सनातन धर्म की जय हो, भारत हिन्दू राष्ट्र हो’ आदि घोषणाएं देतीं की साध्वी ।
पदयात्रा के प्रारंभ में धर्मध्वज को भावपूर्ण प्रणाम करते हुए दाएं से श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी, श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी, सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी तथा सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

 

पदयात्रा में सहभागी सनातन के पू. प्रदीप खेमकाजी एवं पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी
उत्स्फूर्तता से घोषणा करते हुए साधु स्वामी भरतानंद महाराज एवं साथ में श्री. सुनील घनवट

यह पदयात्रा यह संदेश देता प्रतीत हुआ कि, ‘जिस प्रकार समुद्र मंथन के समय देवताओं को संपूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण के लिए अमृत की आवश्यकता थी, उसी प्रकार संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए हिन्दुओं का हिन्दू राष्ट्र होना आवश्यक है ।

महाकुंभ के समय आयोजित हिन्दू राष्ट्र पदयात्रा के विशेष क्षण !

१. पदयात्रा के समय हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का जयघोष किया गया तथा उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई ।

२. श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी फूलों से सुसज्जित रथ में विराजमान थीं । रथ के सामने चार घोड़ों की प्रतिमा थी । रथ के ऊपर सात्विक पुष्पों से सुसज्जित छत्र था । इस पर भगवान हनुमान का चित्र बना हुआ था ।

३. मार्ग के दोनों ओर भक्तगण और साधु-संत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के चित्र के समक्ष एवं श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी को हाथ जोड़कर भावपूर्ण नमस्कार कर रहे थे । रथ पर विराजमान दोनों संत भी सभी को भावपूर्ण नमस्कार कर रहे थे ।

४. रथ के ऊपर भगवान हनुमान की तस्वीर और उस पर लगा झंडा शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण था। रथ पर लगाया ध्वज झुका हुआ था मानो श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी को आशीर्वाद दे रहा था !

५. जैसे ही पदयात्रा मार्ग में विभिन्न अखाड़ों के पास पहुंचा, वहां के संतों का घोषणा कर वंदन किया गया ।

६. मार्ग में कई संतों और नागा साधुओं ने हाथ उठाकर पदयात्रा में भाग लेने वालों को आशीर्वाद दिया ।

७. हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए लड़ने वाले धर्मेश फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने भी इस पदयात्रा में उत्स्फूर्तता से भाग लिया ।

८. मार्ग में मिलने वाले कुछ संत और धर्म प्रेमी कुछ समय के लिए पदयात्रा में सहभागी हुए ।

९. यातायात में किसी भी प्रकार की बाधा न आए इसके लिए पदयात्रा को आरंभ से अंत तक रस्सियों से नियंत्रित किया गया ।

१०. मार्ग पर सैकड़ों नागरिकों ने पदयात्रा की तस्वीरें लीं, चित्रीकरण किया, तो कई लोगों ने पदयात्रा के समय सेल्फी (किसी विशेष क्षण के साथ अपनी तस्वीर लेना) भी ली ।
११. पदयात्रा के अंत में, कुंभ मेले में उपस्थित देवताओं और ऋषियों के चरणों में ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई ।

१२. इस समय श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी के रथ के आगे साधिकाएं भावपूर्ण झांझों के साथ रामधुन बजा रही थीं ।

१३. रथ के मालिक ने इस रथ का नाम ‘पांडव’ रखा था तथा रथ को गदा आदि के चित्रों से भी सजाया था ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प शीघ्र ही फलित होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि हिन्दू धर्म ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की शिक्षा देता है । ऐसे धर्म को संविधान के माध्यम से आधिकारिक संरक्षण प्राप्त होने के लिए, भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए । यह मांग हिन्दू संस्कृति को जीवित रखने के लिए है, जो विश्व के कल्याण के लिए कार्य करती है । पूरे विश्व की दृष्टि महाकुंभ पर्व पर है । इसलिए इस पदयात्रा के माध्यम से हम हिन्दू संतों, महंतों और देश-विदेश के हिन्दू समाज के मन में हिन्दू राष्ट्र की मांग को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं । हमारा विश्वास है कि प्रयागराज जैसी धार्मिक नगरी में कुंभ जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर संतों की उपस्थिति में लिया गया हिन्दू राष्ट्र स्थापना का संकल्प स्वप्न शीघ्र ही साकार होगा ।

विशिष्ट अतिथिगण!

१. श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर राहुलदासजी महाराज, भाग्यनगर, तेलंगाना

२. श्री श्री १००८ महंत नारायणदासजी महाराज, पुणे

३. श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर रामदासजी काठिया महाराज, इंदौर

४. स्वामी भरतानंद सरस्वतीजी महाराज, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति, महाराष्ट्र राज्य

५. जाग्रत आचार्यजी, शिवपुरी, मध्य प्रदेश

६. श्री. बलबीर मिल्खाजी, पंजाब

७. श्री. बृजभूषण सैनीजी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, देवसेना

घोषणा फलक बहुत ही आकर्षक थे !

इस पदयात्रा में ‘सनातन धर्म की जय हो, भारत हिन्दू राष्ट्र हो’, ‘सुरक्षित हिन्दू, बलशाली देश, यही हिन्दू राष्ट्र का उद्देश्य है’; ‘१०० करोड़ हिन्दुओं की पुकार, हिन्दू राष्ट्र हमारा अधिकार है’; ‘करने अपनी मां-बहनों का रक्षण, करो हिन्दू राष्ट्र का समर्थन’ ; ‘मंदिरों का करने उत्थान, करें हिन्दू राष्ट्र का निर्माण’; ‘हर घर भगवे का जयगान, हिन्दू राष्ट्र बने हिन्दुस्थान; गौ, गंगा और गीता का हो सम्मान, हिन्दु राष्ट्र का करें निर्माण’; ‘सेक्युलरिजम का षडयंत्र, अंत करेगा हिन्दू राष्ट्र का मंत्र’; ‘धर्मनिरपेक्षता का ढोंग छोडो, हिन्दू राष्ट्र हेतु हिन्दू जोडो’; ऐसे लिए गए विविध धर्मफलक सबका ध्यान आकर्षित कर रहे थे ।